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Corona crisis से मुकाबले के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने PM Modi को लिखी चिट्ठी, पढ़िए उनके पांच सुझाव…

कोरोना संकट से मुकाबले के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर दिये पांच सुझाव

नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना संकट के मद्देनजर सरकारी खर्च में 30 फीसदी की कटौती, ‘पीएम केयर्स’ कोष के पैसे को प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में डालने और ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को स्थगित करने सहित मितव्ययता के कई कदम उठाये जाएं.

उन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में यह सुझाव भी दिया कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों और नौकरशाहों के विदेश दौरों को स्थगित करने और सरकारी विज्ञापनों पर भी दो साल तक रोक लगाने की जरूरत है. सोनिया गांधी ने सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती के फैसले का समर्थन किया. कोरोना संकट को लेकर प्रधानमंत्री ने रविवार को फोन पर सोनिया से बात की थी.

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सोनिया ने पीएम मोदी को दिया पांच सुझाव : पत्र में सोनिया ने कहा कि सांसदों का वेतन 30 फीसदी कम करने के निर्णय का हम समर्थन करते हैं. कोविड-19 की महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए पैसे एकत्रित करने में अतिसंयमित खर्च आज के समय की मांग है. इसी भावना से मैं आपको पांच सुझाव दे रही हूं. मुझे विश्वास है कि आप इन्हें लागू करेंगे.

मीडिया विज्ञापनों पर दो साल तक रोक लगाने की मांग : पीएम मोदी को लिखे पत्र में सोनिया गांधी ने कि सरकार एवं सरकारी उपक्रमों द्वारा मीडिया विज्ञापनों (टेलीविजन, प्रिंट एवं ऑनलाइन विज्ञापनों) पर दो साल के लिए रोक लगाकर यह पैसा कोरोना वायरस से उत्पन्न हुए संकट से लड़ने में लगाया जाए. केवल कोविड-19 बारे परामर्श या स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञापन ही इस बंदिश से बाहर रखे जाएं.

मीडिया विज्ञापनों पर हर साल 1,250 करोड़ रुपये खर्च करती है सरकार : सोनिया गांधी के मुताबिक, केंद्र सरकार मीडिया विज्ञापनों पर हर साल करीब 1,250 करोड़ रुपये खर्च करती है. इसके अलावा, सरकारी उपक्रमों एवं सरकारी कंपनियों द्वारा विज्ञापनों पर खर्च की जाने वाली सालाना राशि इससे भी अधिक है.

सेंट्रल विस्टा परियोजना को स्थगित करने की मांग : उन्होंने कहा कि 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को स्थगित किया जाए. मौजूदा स्थिति में विलासिता पर किया जाने वाला यह खर्च व्यर्थ है. मुझे विश्वास है कि संसद मौजूदा भवन से ही अपना संपूर्ण कार्य कर सकती है. सोनिया ने कहा कि इस परियोजना से बचायी गयी राशि का उपयोग नये अस्पतालों और जांच सुविधाओं के निर्माण तथा स्वास्थ्यकर्मियों को निजी सुरक्षा उपकरण (PPE) एवं बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाए.

सरकारी खर्चों के बजट में 30 फीसदी कटौती की जाए : उन्होंने यह आग्रह भी किया कि भारत सरकार के खर्चे के बजट (वेतन, पेंशन एवं सेंट्रल सेक्टर की योजनाओं को छोड़कर) में भी इसी अनुपात में 30 फीसदी की कटौती की जानी चाहिए. यह 30 फीसदी राशि (लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष) प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, किसानों, एमएसएमई एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए आवंटित की जाए.

विदेश यात्राओं को स्थगित करने का दिया सुझाव : कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य के मंत्रियों तथा नौकरशाहों द्वारा की जाने वाली सभी विदेश यात्राओं को स्थगित किया जाए. केवल देशहित के लिए की जाने वाली आपातकालीन एवं अत्यधिक आवश्यक विदेश यात्राओं को ही प्रधानमंत्री द्वारा अनुमति दी जाए. सोनिया के अनुसार विदेश यात्राओं पर खर्च की जाने वाली राशि कोरोना वायरस से लड़ाई में सार्थक तौर से उपयोग की जा सकती है.

पीएम केयर्स फंड के पूरे पैसे को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में ट्रांसफर करने की मांग : उन्होंने ‘पीएम केयर्स’ फंड की संपूर्ण राशि को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष’ में स्थानांतरित करने की मांग. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इससे इस राशि के आवंटन एवं खर्चे में पारदर्शिता, जिम्मेदारी तथा ऑडिट सुनिश्चित हो पाएगा. जनता की सेवा के लिए तय राशि के वितरण के लिए दो अलग-अलग मद बनाना मेहनत और संसाधनों की बर्बादी है. उन्होंने कहा कि पीएम-एनआरएफ में लगभग 3800 करोड़ रुपये की राशि बिना उपयोग के पड़ी है. यह कोष तथा ‘पीएम-केयर्स’ की राशि को मिलाकर समाज में हाशिये पर रहने वाले लोगों को तत्काल खाद्य सुरक्षा चक्र प्रदान किया जाए.

KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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