Pahalgam Attack : जम्मू कश्मीर विधानसभा ने पहलगाम में पिछले सप्ताह हुए बर्बर आतंकवादी हमले पर दुख और पीड़ा व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया. विधायकों ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और विकास में बाधा डालने के नापाक इरादों को हराने के लिए दृढ़ता से लड़ने का संकल्प लिया. विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि माफी मांगने के लिए हमारे पास अल्फाज नहीं है. मैं मृतकों के परिजनों से क्या कहकर माफी मांगू. कोई कश्मीरी इस हमले के साथ नहीं है. 26 साल में मैंने पहली बार कश्मीरियों को घर के बाहर आते देखा. वे आतंक के खिलाफ घर के बाहर निकले. शायद ही कोई शहर या गांव के लोग हों जो बाहर नहीं निकले.
#WATCH | Jammu: J&K CM Omar Abdullah says, "Neither of us supports this attack. This attack has hollowed us. We are trying to find a ray of light in this… In the last 26 years, I have never seen people come out to protest against an attack like this…" pic.twitter.com/gMUYu7x4z1
— ANI (@ANI) April 28, 2025
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने पर्यटकों को यहां बुलाया था. उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी थी. हमले की निंदा करने के लिए कश्मीर के लोग बाहर आए. ये मेरे कहने पर घर के बाहर नहीं आए. ये विधायकों के कहने पर बाहर नहीं निकले. मुझे नहीं पता कि लोग घर से बाहर क्यों आए? कोई इसका क्रेडिट नहीं ले सकता है. वे घर से बाहर आए और आतंकी हमले की निंदा की.
उमर अब्दुल्ला ने सभी मृतकों का नाम लिया
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ पेश प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अब्दुल्ला ने सभी मृतकों का नाम लेकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उमर ने कहा कि कुछ दिन पहले तक विधानसभा में बजट और अन्य मुद्दों पर बहस हो रही थी, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि जल्द ही हमें ऐसे दुखद माहौल में दोबारा मिलना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि हमले के बाद मंत्रियों की बैठक में फैसला लिया गया कि गवर्नर से एक विशेष सत्र बुलाने की अपील की जाएगी, ताकि इस घटना पर चर्चा हो सके.
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विशेष सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने प्रस्ताव पेश किया
पहलगाम हमलों में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने यह प्रस्ताव पेश किया. सत्र की शुरुआत पिछले सप्ताह इस त्रासदी में मारे गए लोगों को कुछ पल का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘जम्मू कश्मीर विधानसभा अपने सभी नागरिकों के लिए शांति, विकास और समावेशी समृद्धि का माहौल बनाने और राष्ट्र तथा जम्मू कश्मीर के सांप्रदायिक सद्भाव और प्रगति को बाधित करने की कोशिश करने वालों के नापाक इरादों को दृढ़ता से हराने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है.’’