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ओम और अल्लाह पर बोलकर बुरे फंसे अरशद मदनी, नाराज जैन संत लोकेश मुनि ने दे दी ऐसी चुनौती

अरशद मदनी के बयान से लोकेश मुनि खफा हो गए और उन्होंने मंच से ही इस पर आपत्ति जताते कहा, आपने जो बात कही है, मैं उससे सहमत नहीं हूं और मेरे साथ सर्वधर्म के संत भी सहमत नहीं हैं. हम केवल सहमत हैं कि हम मिलजुलकर रहें, प्यार से रहें, मोहब्बत से रहें.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ओम और अल्लाह तथा मनु और पैगंबर आदम को एक बताकर बुरी तरह से फंस गये हैं. उनका दोनों ही धर्म में विरोध किया जा रहा है. उनके इस बयान पर असहमति जताते हुए जैन संत आचार्य लोकेश मुनि समेत कुछ अन्य धर्मों के धर्म गुरु नाराज हो गए और कार्यक्रम बीच में छोड़कर चले गए. दरअसल मदनी जब ओम और अल्लाह को लेकर बोल रहे थे, उस समय जैन संत लोकेश मुनि भी मौजूद थे.

अरशद मदनी के बयान पर लोकेश मुनि ने जताया आपत्ति

अरशद मदनी के बयान से लोकेश मुनि खफा हो गए और उन्होंने मंच से ही इस पर आपत्ति जताते कहा, आपने जो बात कही है, मैं उससे सहमत नहीं हूं और मेरे साथ सर्वधर्म के संत भी सहमत नहीं हैं. हम केवल सहमत हैं कि हम मिलजुलकर रहें, प्यार से रहें, मोहब्बत से रहें. इसके बाद वे कुछ अन्य धर्मगुरुओं के साथ कार्यक्रम से चले गए.

अशरद मदनी ने क्या दिया था बयान

दरअसल मौलाना अरशद मदनी ने जमीयत के महमूद मदनी समूह के तीन दिवसीय 34वें अधिवेशन के अंतिम दिन रामलीला मैदान में कहा था मैंने बड़े बड़े धर्मगुरुओं से पूछा कि जब कोई नहीं था, न श्री राम थे, न ब्रह्मा थे, न शिव थे, जब कोई नहीं था, तब सवाल पैदा होता है कि मनु पूजते किसे थे? उन्होंने कहा, कोई कहता है कि शिव को पूजते थे, लेकिन उनके पास इल्म नहीं है. बहुत कम लोग ये बताते हैं कि जब कुछ नहीं था दुनिया में तो मनु ओम को पूजते थे. मदनी के मुताबिक, तब मैंने पूछा कि ओम कौन है? बहुत से लोगों ने कहा कि ये हवा है, जिसका कोई रूप नहीं है, कोई रंग नहीं है. वो दुनिया में हर जगह है, हवा हर जगह है. उन्होंने आसमान बनाया, उन्होंने जमीन बनाई. मदनी ने कहा, मैंने कहा कि अरे बाबा, इन्हीं को तो हम ‘अल्लाह’ कहते हैं. इन्हीं को तो तुम ‘ईश्वर’ कहते हो. फारसी बोलने वाले ‘खुदा’ कहते हैं. अंग्रेजी बोलने वाले ‘गॉड’ कहते हैं. इसका मतलब ये है कि मनु यानी आदम, ओम यानी अल्लाह को पूजते थे. ये हमारे मुल्क की ताकत है.

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मदनी को लोकेश मुनि ने दिया करारा जवाब

अरशद मदनी अपना बयान खत्म करने के बाद माइक से हटे ही थे कि जैन धर्म गुरू आचार्य लोकेश मुनि माइक पर आए और अरशद मदनी के बयान से असहमति जताते हुए कहा, आपने जो बात कही है, मैं उससे सहमत नहीं हूं और मेरे साथ सर्वधर्म के संत भी सहमत नहीं हैं. हम केवल सहमत हैं कि हम मिलजुलकर रहें, प्यार से रहें, मोहब्बत से रहें. उन्होंने कहा, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर हुए, उससे पहले 23वें भगवान पार्श्वनाथ थे. नेमिनाथ योगीराज कृष्ण के चचेरे भाई थे, किंतु याद रखिए इससे पहले भगवान ऋषभदेव पहले तीर्थंकर थे, जिनके पुत्र भरत के नाम पर इस भारत देश का नाम पड़ा है. जैन ने मदनी को शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित किया और कार्यक्रम से चले गए.

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