मुंबई : राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को मुंबई की विशेष अदालत से कहा कि वर्ष 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बरी करने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है.
एनआईए के विशेष अभियोजक अविनाश रसाल ने कहा, ‘‘हमने उन्हें बरी किये जाने की याचिका पर आपत्ति नहीं जतायी है और आरोपपत्र में हमने कहा है कि उनके खिलाफ अभियोजन योग्य साक्ष्य नहीं हैं.’ साध्वी प्रज्ञा ने इस महीने की शुरुआत में अदालत का दरवाजा खटखटाकर मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किये जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि अदालत 29 मई को मामले की सुनवाई कर सकती है.
साध्वी ने तीन मई को विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. इसके पहले 25 अप्रैल को बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देते हुए कहा था, ‘‘प्रथमदृष्ट्या उनके खिलाफ मामला नहीं बनता है.’ पिछले वर्ष दायर आरोपपत्र में एनआईए ने मामले में साध्वी और पांच अन्य के खिलाफ सभी आरोप हटा दिये थे, जबकि मकोका के तहत आरोप लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सहित सभी दस आरोपियों पर से हटा लियेगये थे.
एजेंसी ने कहा था कि जांच के दौरान साध्वी और पांच अन्य के खिलाफ ‘‘पर्याप्त साक्ष्य पायेगये थे.’ नासिक जिले के मालेगांव शहर में 29 सितंबर, 2008 को एक मोटरसाइकिल में हुए विस्फोट में छह लोग मारे गये थे और करीब सौ अन्य लोग जख्मी हो गये थे.