नयी दिल्ली : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि अंडमान के हेवलॉक द्वीप पर चक्रवात के कारण फंसे सभी पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें जल्दी निकालने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. सिंह ने आज अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल जगदीश मुखी से बात की और उनसे वहां फंसे हुए पर्यटकों की स्थिति के बारे में पूछा. मुखी ने गृहमंत्री को स्थिति और फंसे हुए पर्यटकों को बचाने के लिए उठाये गये कदमों से अवगत कराया.
सिंह ने एक बयान में कहा, ‘हेवलॉक द्वीप में सभी पर्यटक सुरक्षित हैं और सरकार ने उन्हें निकालने के लिए सभी तैयारी की है. चक्रवात की तीव्रता कम हो जाने के बाद सरकार बचाव अभियान शुरू करेगी.’ गृहमंत्री ने कहा कि बचाव दल पहले ही पोर्ट ब्लेयर में मौजूद हैं. गृहमंत्री ने वहां फंसे पर्यटकों के परिवारों से अपील की कि वे घबराएं नहीं क्योंकि हेवलॉक द्वीप में मौजूद सभी लोग सुरक्षित बताये गये हैं.
अधिकारियों ने कहा कि पोर्ट ब्लेयर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हेवलॉक और नील द्वीप चक्रवात की वजह से उत्पन्न खराब मौसम की स्थितियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. ये स्थितियां दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पैदा हुई हैं और इनसे भारी बारिश, तेज हवाएं चलने और समुद्र में तेज लहरें उठने की स्थिति पैदा हो गयी है. नील और हेवलॉक द्वीप अंडमान में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं और यहां सिर्फ पोतों या हेलीकॉप्टरों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है.
बीते सोमवार से खराब मौसम के कारण इनका संचालन बंद है. दक्षिण अंडमान के उपायुक्त उदित प्रकाश राय ने कल कहा था, ‘द्वीप की यात्रा करने वाले लगभग 1400 यात्री इस समय फंसे हुए हैं और वे घर लौटने के लिए अभी पोर्ट ब्लेयर पहुंचने में असमर्थ हैं.’ नील और हेवलॉक द्वीपों के 10 गांवों के स्थानीय लोग भी चक्रवात के कारण प्रभावित हुए हैं, जिससे जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है. लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए भारतीय नौसैन्य पोत बितरा, बंगाराम, कुंभीर और एलसीयू 38 को तैनात किया गया है.