नयी दिल्ली: उरी हमले के जवाब पर रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉर रूम का जायजा लिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां मैप और रेत के पुतलों के साथ पीएम मोदी के सामने पीपीटी प्रजेंटेशन पेश किया गया. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 सितंबर सेना के वार रूम में थे. उस रात देर तक उच्चस्तरीय बैठक चली थी. खबर है कि पीएम मोदी 20 सितंबर की रात देर रात तक साउथ ब्लॉक में थे, यहीं पर प्रधानमंत्री कार्यालय है और इससे ही सटा हुआ है रक्षा मंत्रालय का ईमारत है जिसमें सुपर सीक्रेट यानि सेना का वॉर रूम है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम मोदी के साथ इस वॉर रूम में तकरीबन दो घंटे तक उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुख, थल सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, वायु सेना प्रमुख अरूप राहा और नेवी चीफ एडमिरल सुनील लंबा भी मौजूद थे. कंट्रोल रूम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वॉर रूम में तमाम खुफिया जानकारी और दुश्मन के ठिकानों के संबंध में जानकारी दी गई. प्रधानमंत्री के सामने एक बड़े टेबल पर बाकायदा पाकिस्तान के अहम ठिकानो के नक्शे रखे गए और पीएम मोदी को अवगत कराया गया.
इधर , केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को गृह सचिव राजीव महर्षि ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर की जमीनी स्थिति से अवगत कराया. महर्षि ने उड़ी आतंकी हमले के मद्देनजर अशांत राज्य का दौरा किया था. महर्षि ने दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, प्रशासन, पुलिस और खुफिया अधिकारियों से चर्चा की थी. गृह मंत्री को पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी दी गयी.
पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे मोदी सरकार
शिवसेना उधर, केंद्र और महाराष्ट्र की सत्ता में भाजपा की अहम साझेदार शिवसेना ने आज कहा कि मोदी सरकार पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे. शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सवाल भी किया कि उरी हमले के जवाब में केंद्र सरकार अब क्या कदम उठाने जा रही है. उरी हमले में भारतीय थलसेना के 18 जवान शहीद हुए थे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पाकिस्तान से बातचीत का कोई फायदा नहीं होने वाला. उन्होंने कहा कि वक्त आ चुका है कि पड़ोसी देश को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए. पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे गए संपादकीय में कहा कि महज बयानबाजी से कोई फायदा नहीं होने वाला, क्योंकि जनवरी में पठानकोट हमले के बाद भी यही हुआ था. उद्धव ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘पाकिस्तान से अब बातचीत से कुछ नहीं होने वाला. वक्त आ चुका है कि उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जाए. यदि :पाकिस्तान के साथ: युद्ध होना है तो देश की भलाई के लिए, न कि वोटों के लिए, यह हो जाए. आखिर हमें पाकिस्तान की भाषा कब समझ आएगी ?’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से बात की है, इस पर उद्धव ने कहा, ‘‘वह अभी पाकिस्तान से बातचीत करने में व्यस्त होंगे. जब उन्हें फुरसत मिलेगी तो हम बात करेंगे.’
शिविरों में बनेंगे और वाच टावर
जम्मू कश्मीर तथा पड़ोसी राज्य पंजाब में अब सैनिक शिविरों के आसपास घूमना खतरे से खाली नहीं होगा. सैनिक शिविरों के आसपास दिखायी पड़नेवाले संदिग्ध व्यक्तियों को गोली मारने के आदेश जारी किये जा रहे हैं. साथ ही सैनिक शिविरों की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए वाच टावर बनाये जायेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा रक्षा मंत्रालय के ताजा निर्देश के मुताबिक, सुरक्षा शिविरों व सैन्य मुख्यालयों के आसपास ऐसे प्रबंध किये जाने चाहिए, जिन्हें लांघ कर फिदायीन नहीं आ पाएं.
पीआइए ने उड़ानें रद्द की
पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन पीआइए ने उड़ी आतंकी हमले के आलोक में ‘वायुसीमा क्षेत्र पाबंदी’ के चलते उत्तरी पाकिस्तानी शहरों की उड़ानें बुधवार को रद्द कर दी. पीओके में गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र के गिलगिट एवं स्कार्दू तथा चित्राल के लिए उड़ानें नहीं भरेंगी.