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इसरो को मिली बड़ी सफलता, चीन उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में रहा विफल

बीजिंग /नयी दिल्ली : दुनियाभर में गुरूवार को अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में बड़ा हलचल का दिन रहा. भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कामयाबी की नयी इबारत लिखते हुए आज अत्याधुनिक मौसम उपग्रह इनसैट-3 डीआर को जीएसएलवी-एफ 05 के माध्सम से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया वहीं विज्ञान व तकनीक की दुनिया में पिछले दो […]

बीजिंग /नयी दिल्ली : दुनियाभर में गुरूवार को अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में बड़ा हलचल का दिन रहा. भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कामयाबी की नयी इबारत लिखते हुए आज अत्याधुनिक मौसम उपग्रह इनसैट-3 डीआर को जीएसएलवी-एफ 05 के माध्सम से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया

वहीं विज्ञान व तकनीक की दुनिया में पिछले दो दशक से लगातार पहचान बनाने वाले चीन को निराशा हाथ लगी. चीन आज अपना एक अत्याधुनिक उपग्रह कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा और इस प्रक्रिया में उसका उपग्रह भी नष्ट हो गया.चीन के शांक्सी तायियुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से ‘लांग मैक 4सी’ रॉकेट छोडा गया था, लेकिन चीन के पेशेवर अंतरिक्ष विशेषज्ञों और अंतरिक्ष में रुचि रखने वालों द्वारा चलाए जाने वाली वेबसाइट ‘एईहांगतिआन डॉट कॉम’ का कहना है कि वह अपने उपग्रह ‘गाओफेन-10′ को उसकी कक्षा में स्थापित करने में असफल रहा. 2013 के बाद चीन की यह पहली ऐसी असफलता है.हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है.
हांगकांग के अखबार ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के अनुसार, पडोसी शांक्सी प्रांत के पुलिस विभाग ने मलबे के लिए खोज और तलाशी अभियान की तस्वीरें अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर डाली हैं. उसमें भी प्रक्षेपण को ‘‘असफल’ बताया गया है.लेकिन वेइबो ने बाद में इस सूचना को वेब से हटा दिया. उसने पुलिस द्वारा पोस्ट किए गए रॉकेट के मलबे को वेबसाइट पर डाल दिया था
इसरो की योजना हर साल दो-तीन जीएसएलवी..एमके 2 प्रक्षेपित करने की
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हर साल दो..तीन जीएसएलवी मिशन के लिए योजनाएं तैयार की है.एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी. अंतरिक्ष एजेंसी ने अत्याधुनिक मौसम उपग्रह इनसैट-3 डीआर को जीएसएलवी-एफ 05 के माध्यम से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर प्रक्षेपण यान की कामयाबी की हैट ट्रिक बनायी.
इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जीएसएलवी-एमके 2 का प्रक्षेपण सफल रहा. यह स्वदेशी क्रायोजेनिक के साथ जीएसएलवी..एमके 2 का लगातार तीसरा प्रक्षेपण है. उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में जीएसएलवी.-डी6 का सफल प्रक्षेपण किया गया था. उन्होंने कहा कि हमारा इरादा आने वाले वर्षों में हर साल दो..तीन जीएसएलवी..एमके 2 मिशन लांच करने का है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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