नयी दिल्ली: पैलेट गन के संभावित विकल्प तलाशने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति का आज गठन किया गया. जम्मू-कश्मीर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इन बंदूकों के लगातार इस्तेमाल की कडी आलोचनाओं के बीच यह कदम उठाया गया.
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पैलेट गन के विकल्प तलाशने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन
नयी दिल्ली: पैलेट गन के संभावित विकल्प तलाशने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति का आज गठन किया गया. जम्मू-कश्मीर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इन बंदूकों के लगातार इस्तेमाल की कडी आलोचनाओं के बीच यह कदम उठाया गया. गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव […]
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव टी वी एस एन प्रसाद समिति का नेतृत्व करेंगे.उनके अलावा समिति में श्रीनगर में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक अतुल करवाल, बीएसएफ के महानिरीक्षक राजीव कृ ष्ण, जम्मू-कश्मीर पुलिस के राजेश कुमार, भारतीय आयुध कारखाना बोर्ड के तुषार त्रिपाठी, चंडीगढ स्थित टर्मिनल बैलेस्टिक रिसर्च लैबोरेटरी के मंजीत सिंह और आईआईटी दिल्ली के नरेश भटनागर शामिल हैं. हिज्बुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में पिछले 15 दिनों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सीआरपीएफ कर्मियों ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया जिससे कई युवा घायल हो गए.
इस श्रेणी के गैर घातक हथियार के इस्तेमाल के लिए अर्द्धसैनिक बल की व्यापक आलोचना हुई जिसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में घोषणा की कि पैलेट गन के इस्तेमाल की समीक्षा और इसका विकल्प तलाशने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि विशेषज्ञ समिति दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक के दुर्गाप्रसाद ने कश्मीर घाटी में पैलेट गन से लोगों के घायल होने पर कल खेद जताया था. उन्होंने साथ ही कहा कि सीआरपीएफ इस ‘‘सबसे कम घातक” हथियार का इस्तेमाल करना जारी रखेगा लेकिन बेहद ‘‘गंभीर” स्थितियों में हीं इसका इस्तेमाल किया जाएगा
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