नयी दिल्ली :भारत-पाकिस्तान के संबन्धों में बढती कडवाहट के बीच भारत ने आज इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग में तैनात राजनयिकों और अधिकारियों से इस अकादमिक सत्र से अपने बच्चों को वहां के स्कूलों से निकाल लेने को कहा जो बच्चों को स्कूल नहीं भेजे जाने वाले देश के रूप में पाकिस्तान का दर्जा घटाने जैसा है.भारत ने अपने उच्चायोग में तैनात राजनयिकों और अधिकारियों से अपने बच्चों की पढाई की व्यवस्था पाकिस्तान से बाहर करने की सलाह दी है. पाकिस्तान में भारतीय अधिकारियों के ज्यादातर बच्चे अंतरराष्ट्रीय विद्यालयों में पढते हैं.
यह घोषणा सरकार द्वारा अपने राजनयिक मिशनों के कर्मचारियों और नीतियों तथा पाकिस्तान की स्थिति की समीक्षा के बाद की गयी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा, ‘‘अपने राजनयिक मिशनों के कर्मचारियों एवं संबंधित नीतियों, जिनमें संबंधित स्थानों की वर्तमान स्थिति शामिल है, की समीक्षा करना सभी देशों के लिए सामान्य परिपाटी है. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘इस अकादमिक सत्र से, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को अपने बच्चों की पढाई लिखाई की व्यवस्था अगले नोटिस तक पाकिस्तान से बाहर करने की सलाह दी गयी है.’
इस पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘‘यह एक अनौपचारिक, अंदरुनी, प्रशासनिक व्यवस्था है जिसकी हमें दो महीने पहले सूचना दे दी गयी थी। इसके अलावा हमें कोई और बात नहीं बतायी गयी है.’ अधिकारियों के अनुसार इस्लामाबाद में भारतीय मिशन में तैनात भारतीय अधिकारियों के स्कूल जाने वाले करीब 50 बच्चे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि ताजा घटनाक्रम बच्चों को स्कूल नहीं भेजे जाने वाले देश के रुप में पाकिस्तान का दर्जा घटाने जैसा है.
पिछले हफ्ते भारत ने पाकिस्तान से उच्चायोग पर मार्च और प्रदर्शनों की धमकी के मद्देनजर भारतीय अधिकारियों एवं उनके परिवारों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था। उससे पहले के हफ्ते ‘पाकिस्तान में कश्मीर का विलय दिवस’ और ‘काला दिवस’ मनाया गया था. पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आठ जुलाई को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भडकाउ बयान दिया था जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कटुता बढती जा रही है. वानी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का वांछित आतंकवादी कमांडर था.
शरीफ ने न केवल वानी की प्रशंसा की बल्कि यह भी कहा था कि ‘कश्मीर एक दिन पाकिस्तान बन जाएगा’. इस बयान पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान का हिस्सा बनने का उनका सपना कयामत तक पूरा नहीं होगा.