नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दर्ज कराये गये दीवानी मानहानि मुकदमे में आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं अन्य आप नेताओं के खिलाफ मुद्दे तय किये. हालांकि इन नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने डीडीसीए मामले में जेटली के खिलाफ कोई मानहानिकारक बयान नहीं दिया था.
न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला ने केजरीवाल और पांच अन्य आप नेताओं के खिलाफ मुद्दे तय किये. वैसे उससे पहले मुख्यमंत्री के वकील ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि केंद्रीय मंत्री के खिलाफ जो कुछ कहा गया है वह पहले से ही लोगों के सामने है और उन्होंने अपनी तरफ से कुछ नहीं कहा.
केजरीवाल के अलावा अन्य आप नेताओं – राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी ने भी कहा कि वे भी आरोपों से बिल्कुल इनकार कर रहे हैं और वे केंद्रीय मंत्री की अर्जी का विरोध कर रहे हैं. अदालत ने उसके बाद सभी छह आप नेताओं के खिलाफ मुद्दे तय किए और यह निर्णय करने के लिए 27 सितंबर के वास्ते यह मामला संयुक्त पंजीकार के समक्ष भेज दिया कि उनके द्वारा मानहानिकारक बयान दिये गये हैं या नहीं. दीवानी मामले में जब कोई पक्ष दृढ़तापूर्वक आरोप लगाता है और दूसरा पक्ष उससे इनकार करता है , तभी मुद्दे उत्पन्न होते हैं.
अदालत द्वारा तय मुद्दों में एक यह है कि क्या जेटली आप नेताओं द्वार दिए गए कथित मानहानिकारक बयानों में किसी क्षतिपूर्ति के हकदार हैं या नहीं, और फिर क्षतिपूर्ति राशि क्या हो.अदालत ने अपने मुद्दों में एक में कहा, ‘‘क्या ऐसे कथन, जो पहले से लोगों के सामने हैं, पर कार्रवाई की जा सकती है या नहीं.” सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने आप नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एच एच फुल्का के इस बयान पर आपत्ति जतायी कि अदालत इस वाद के साथ विशेष बर्ताव कर रहे हैं.
न्यायाधीश ने कहा कि वरिष्ठ वकील अदालत कक्ष में बैठें और यह गौर करें कि किसी भी मामले में विशेष बर्ताव किया जा रहा है या नहीं तथा पीठ कैसे काम कर रही है.उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी बातें निंदनीय है. ” वरिष्ठ वकीलों- संदीप सेठी, प्रतिभा एम सिंह, और राजीव नैयर ने यह कहते हुए आप नेताओं की दलीलों का विरोध किया कि वे उनकी दलीलों के विपरीत है क्योंकि उन्होंने अपने लिखित बयान में मानहानिकारक टिप्पणी करने की बात कबूल ली हैं.
मुद्दे तय होने और आगे की कार्यवाही के वास्ते मामले संयुक्त पंजीकार के पास भेजे जाने के बाद जेटली के वकील ने अदालत से इस मामले में त्वरित निस्तारण के लिए स्थानीय आयुक्त नियुक्त करने का अनुरोध किया.जेटली की दलीलों का आप नेताओं ने विरोध किया और उन्होंने आयुक्त की नियुक्ति पर अपनी सहमति नहीं दी. वित्तीय गड़बड़ियों के आरापों से पहले ही इनकार कर चुके जेटली ने केजरीवाल और अन्य आप नेताओं द्वारा उन पर किए गए हमले को लेकर 10 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया था. आप नेताओं ने डीडीसीए में कथित अनियमितताओं और वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर उन पर हमला किया था. जेटली 2013 तक 13 सालों तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे थे.