इंटरनेशल डेस्क
प्रधानमंत्री चार अफ्रीकी देशों की यात्रा में जाने वाले हैं. वे मोजांबिक, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, केन्या की यात्रा करेंगे. इन अफ्रीकी देशों की यात्रा का मुख्य मकसद इन देशों के बीच भारत का व्यापारिक संबंध बढ़ाना, निवेश बढ़ाना व सामुद्रिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.34 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री मोजाम्बिक की यात्रा कर रहा है. कतर और ऑस्ट्रेलिया के बाद मोजाम्बिक तीसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस निर्यातक देश है.
अपने अफ्रीका यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मेरी मोजाम्बिक यात्रा का उद्देश्य सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाना है. इस दौरे पर वह मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी से भी मुलाकात करेंगे. पीएम मोदी ने कहा, नैरोबी यूनिवर्सिटी के छात्रों से मिलने और उनसे होने वाली बातचीत को लेकर मैं बहुत उत्सुक हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तंजीनिया में वह राष्ट्रपति जॉन मैगफुली और भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे.
मोज़ाम्बिक़ में हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में ओ.एन.जी.सी. सहित कई भारतीय कंपनियों ने भारी निवेश किया है. . भारत ने मोजांबिक के स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया था. पेयजल, सड़क निर्माण व अधारभूत संरचनाओं के विकास में भारत ने मोजाम्बिक को योगदान दिया है,पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के साथ होने वाले व्यापार में भारत का एक चौथाई का व्यापार इस देश के साथ होता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा वैश्विक मंच पर चीन के बढ़ते प्रभावों पर संतुलन साधने की कोशिश की रूप में देखा जा रहा है.गौरतलब है कि इन देशों में भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. प्रधानमंत्री अप्रवासी भारतीयों को भी संबोधित करेंगे. इसके अलावा भारत सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक संगठन भी बना रहा है. इस संगठन में प्रधानमंत्री अफ्रीकी देशों को भी शामिल करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफ्रीका यात्रा के पहले उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अफ्रीका की यात्रा कर चुके हैं.