नयी दिल्ली : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज उपराज्यपाल नजीब जंग पर आरोप लगाया कि वह सरकारी स्कूलों में कार्यरत 17,000 अतिथि शिक्षकों को नियमित करने को प्राथमिकता देने वाले दिल्ली सरकार के प्रस्ताव में ‘‘देरी” कर रहे हैं, हालांकि उपराज्यपाल कार्यालय ने इस आरोप को खारिज किया है. दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने दावा किया कि इस संबंध में प्रस्ताव जनवरी से ही उपराज्यपाल कार्यालय में लंबित है, लेकिन उन्होंने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है.
हालांकि उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने यह प्रस्ताव 28 अप्रैल को उपराज्यपाल कार्यालय को भेजा है और उपमुख्यमंत्री से सलाह के बाद उसे कानूनी सलाह के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटी जनरल के पास भेजा गया है.
उपमुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर जंग से सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया है ताकि 17,000 अतिथि शिक्षकों के लिए स्थाई नौकरी सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह मामले को केंद्र के समक्ष उठाएं तथा उपराज्यपाल से इसे मंजूरी देने का अनुरोध करें.
उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों का कहना है, ‘‘उपराज्यपाल की ओर से कोई देरी नहींं हुई है. हमें दिल्ली सरकार से 28 अप्रैल को प्रस्ताव मिला। प्रस्ताव के कानूनी और संवैधानिक पहलूओं पर विचार करने की जरुरत है, इसी कारण उसे कानूनी सलाह हेतु अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पास भेजा गया है.” उन्होंने कहा, ‘‘एक बार हमें कानूनी सलाह मिल जाए, हम उसके अनुसार काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल के कार्यालय में फाइल जनवरी से लंबित होने का आरोप ‘‘पूर्णतया आधारहीन” है.
दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई नौकरी देने के आप सरकार के फैसले के तहत यह प्रस्ताव भेजा गया है. सिसोदिया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि उपराज्यपाल इस प्रस्ताव को मंजूरी क्यों नही दे रहे हैं. मैंने कई बार व्यक्तिगत रुप से अनुरोध किया लेकिन फिर भी यह उनके कार्यालय में लंबित है.” भाषा
