13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अंबेडकर जयंती पर PM नरेंद्र मोदी की सभा में विद्यार्थियों को बुलाने का फरमान विवादों में घिरा

इंदौर : संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125 वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली महू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के सिलसिले में इंदौर जिले के करीब 200 निजी महाविद्यालयों को भेजा गया सरकारी आदेश विवादोें में घिर गया है. इस आदेश में निजी कॉलेजों के प्रशासन से कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री […]

इंदौर : संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125 वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली महू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के सिलसिले में इंदौर जिले के करीब 200 निजी महाविद्यालयों को भेजा गया सरकारी आदेश विवादोें में घिर गया है. इस आदेश में निजी कॉलेजों के प्रशासन से कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री की सभा में 100-100 विद्यार्थियों को अपने खर्च पर ‘अनिवार्य रूप से’ भेजना होगा. आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त मोहिनी श्रीवास्तव की ओर से निजी कॉलेजों को सातअप्रैल को जारी आदेश में कहा गया, ‘अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में महू में प्रधानमंत्री का संबोधन होना है.

अत: आप इस कार्यक्रम में अपनी संस्था से 100 विद्यार्थियों को संस्था की बस सहित अपने खर्च पर अनिवार्यत: भेजें. हर बस के साथ एक अध्यापक को भी भेजने की व्यवस्था करें.’ इस आदेश पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गहरी आपत्ति जतायी है. प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा ने आजकहाकि, ‘यह तुगलकी फरमान ऐेसे वक्त जारी किया गया, जब कॉलेजों में परीक्षाएं चल रही हैं. इस फरमान से साफ जाहिर होता है कि पिछले 22 महीनों में मोेदी की लोकप्रियता का ग्राफ कितना गिर चुका है. अब हालत यह हो गयी है कि उनके कार्यक्रम में भीड़ जुटाने केलिए विद्यार्थियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.’

आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा, ‘मोदी ने सिर्फ जुमलेबाजी कर सत्ता हासिल की थी. वह प्रधानमंत्री केरूप में जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘परीक्षा के महत्वपूर्ण समय में विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री की रैली में बुलाने के फरमान से यह भी साबित होता है कि प्रदेश सरकार को विद्यार्थियों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है.’ इस फरमान को लेकर विवाद बढ़ने पर जिला प्रशासन ने सफाई दी है. जिलाधिकारी पी. नरहरि ने कहा, ‘इस आदेश का एकदम गलत मतलब निकाला जा रहा है. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम मेंबड़ी संख्या में लोगों के उमड़ने की उम्मीद है. इसलिए हमने महाविद्यालयों से राष्ट्रीय कैडेट कोर :एनसीसी: और राष्ट्रीय सेवा योजना :एनएसएस: के स्वयंसेवकों को भेजने को कहा था, ताकि ये विद्यार्थी इस कार्यक्रम में अलग-अलग व्यवस्थाएं संभालने में हमारी मदद कर सकें. ‘

उन्होंने कहा, ‘हम हर बड़े कार्यक्रम में एनसीसी और एनएसएस के स्वयंसेवकों की मदद लेते हैं, क्योंकि वे व्यवस्थाएं संभालने केलिए प्रशिक्षित होते हैं. इसमें विवाद की कोई बात ही नहीं है.’ जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि अदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त इस विषय मेें स्पष्टीकरण केलिए बाकायदा नया पत्र जारी कर चुकी हैं. नयेे पत्र के जरिये स्पष्ट किया गया है कि पुराने पत्र में विद्यार्थियों को ‘स्वयंसेवक’ पढ़ा जाये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें