नयी दिल्ली : आईएसआईएस ने दक्षिण यमन के एक वृद्धाश्रम से चार मार्च को अगवा भारतीय पादरी फादर टॉम उजहन्नालिल की गुड फ्राइडे के दिन हत्या कर दी है. ब्रिटेन की एक अखबार डेली मेल के हवाले से यह जानकारी दी गयी है. हालांकि, पादरी के परिवार और भारत सरकार की ओर से फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गयी है. टॉम यमन में मदर टेरेसा मिशनरीज के चैरिटी के लिए काम करते थे और उन्हे 4 मार्च को यमन के एक ओल्ड एज होम से हमले के बाद आईएसआईएस ने अगवा कर लिया था.
अखबार में छपी खबर के मुताबिक विएना में ईस्टर मास के दौरान कार्डिनल क्रिस्टोफ शानबार्न ने पादरी की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने मीडिया को बताया कि आतंकियों ने उन्हें भयंकर यातनाएं दी और सूली पर चढ़ा दिया. केरल के रहने वाले टाम उजहूनालिल एक कैथोलिक फादर थे.
पहले भी सूली पर लटकाये जाने की खबरें आयी थीं
डेली मेल के अनुसार 25 मार्च को गुड फ्राइडे के दिन ही ऐसी खबरें आयी थीं कि फादर टॉम को आईएसआईएस सूली पर लटका सकता है. लेकिन तीन दिनों तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी. अखबार से एस समय धार्मिक संगठनों के बातचीत के आधार पर यह आशंका जतायी थी. सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट वायरल हो रहा था. इसके अनुसार आशंका जतायी जा रही थी कि आतंकी संगठन आईएस भारतीय पादरी को फांसी दे सकता है.
सरकार फादर टॉम को बचाने के हर संभव प्रयास की बात की थी
भारतीय सरकार ने फादर टॉम को रिहा करवाने के लिए हर संभव प्रयास की बात कही थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 26 मार्च को ट्विट कर कहा था कि यमन से अगवा भारतीय पादरी फादर टॉम उजहन्नालिल की रिहाई के लिए भारत अपने स्तर से हर प्रयास कर रहा है. चार मार्च को आईएस द्वारा किये गये हमले में टॉम उजहन्नालिल को यमन में एक शरणार्थी कैंप से अगवा कर लिया गया था.