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एयर फोर्स के ”आयरन फीस्ट” में शामिल होंगे प्रणब-मोदी

नयी दिल्ली : भारतीय वायु सेना की ओर से आज राजस्थान के पोखरन रेंज में एक बड़े युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया है. राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस अवसर पर वायुसेना अपनी मारक क्षमता का जबरदस्त प्रदर्शन करेगी. वायु सेना के सबसे बड़े युद्धाभ्यास ‘आयरन फीस्ट’ […]

नयी दिल्ली : भारतीय वायु सेना की ओर से आज राजस्थान के पोखरन रेंज में एक बड़े युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया है. राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस अवसर पर वायुसेना अपनी मारक क्षमता का जबरदस्त प्रदर्शन करेगी. वायु सेना के सबसे बड़े युद्धाभ्यास ‘आयरन फीस्ट’ में उसके रण कौशल और जांबाज पायलटों के जौहर देखने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा भी मौजूद रहेंगे.

180 से अधिक लड़ाकू विमानों का होगा प्रदर्शन

चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमेटी के अध्यक्ष और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा पोखरण में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगे. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए भारतीय वायुसेना की क्षमता का प्रदर्शन करना है. अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना हवा, जमीन अथवा समुद्र से मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी परिवर्तनकारी अत्याधुनिक लड़ाकू क्षमता को दिखाएगी. इस प्रदर्शन में छह थीम पर आधारित छह हिस्से होंगे, जिसमें 180 से अधिक लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और हेलीकाप्टर हिस्सा ले रहे हैं. शो में सबसे पहले एक फ्लाईपास्ट होगा, जो भारतीय वायुसेना की आठ दशकों की यात्रा को दिखाएगा. इसमें टाइगर मोठ जैसे अतीत के विमान भारतीय वायुसेना के नवीनतम विमानों के साथ उड़ान भरेंगे. फ्लाईपास्ट के दौरान मिग-21, मिग-27 और मिग-29 और सुखोई-30 मिश्रित फार्मेशन में उड़ान भरेंगे. यह पिछले दशकों के दौरान भारतीय सेना के परिवर्तन को दर्शाएगा.

नेट इनेबलिंग संचालित विमानों का भी होगा प्रदर्शन

इसके बाद, नेट-इनेबलिंग संचालन विमानों का प्रदर्शन होगा. इसकी शुरुआत देश में ही विकसित एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट के फ्लाईपास्ट से होगी. इसके बाद सिंक्रनाइज हथियार आपूर्ति को प्रदर्शित किया जाएगा. इसमें मिराज-2000, सुखोई-30, मिग-27 और जगुआर जैसे विमान निर्धारित लक्ष्यों पर बमबारी करेंगे. आक्रामक क्षमताओं का प्रदर्शन करने के बाद भारतीय वायुसेना अपने बहुस्तरीय हवाई सुरक्षा ऑपरेशंस का प्रदर्शन करेगी. यह हवा में ईंधन भराने वाले विमानों, आईएल-78 एफआरए के साथ दो सुखोई-30 विमानों का फ्लाईपास्ट होगा. ये लड़ाकू विमानों की सामरिक पहुंच का विस्तार करने की क्षमता का प्रदर्शन करेंगे

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