मुंबई: जर्मन बेकरी बम धमाके के दोषी हिमायत बेग की सजा फांसी से घटाकर उम्र कैद कर दी गयी है. इस फैसले के बाद बेग को बड़ी राहत मिली है. पुलिस बेग के खिलाफ सीधे तौर पर इस घटना में शामिल होने के सबूत कोर्ट के सामने नहीं पेश कर पायी. कोर्ट ने पूरी घटना की साजिश और बम प्लांट करने के संगीन आरोपों से उसे बरी कर दिया.
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जर्मन बेकरी बम धमाका : दोषी हिमायत बेग को राहत, फांसी की जगह उम्र कैद
मुंबई: जर्मन बेकरी बम धमाके के दोषी हिमायत बेग की सजा फांसी से घटाकर उम्र कैद कर दी गयी है. इस फैसले के बाद बेग को बड़ी राहत मिली है. पुलिस बेग के खिलाफ सीधे तौर पर इस घटना में शामिल होने के सबूत कोर्ट के सामने नहीं पेश कर पायी. कोर्ट ने पूरी घटना […]
कार्ट ने बेग को फांसी की सजा सुनायी थी जिसके बाद बेग के वकील ने कोर्ट के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए दोबारा मुकदमा चलाने की मांग की थी. इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. बेग के वकील ने बचाव में कई दलीलें पेश की जिसमें मुख्य रूप से बेग का सीधा इस हमले में शामिल ना होना. पुलिस यह साबित नहीं कर पायी कि बेग घटना के वक्त पुणे में था. बचाव पक्ष ने इस मामले में बंद एक और आरोपी का जिक्र किया जिसकी जेल में हत्या कर दी गयी थी.
कातिल सिद्दीकीइस बात कासबूत था कि बेग इस घटना में शामिल नहीं है. हालांकि सरकारी वकील ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा जिसमें यासिन भटकल जैसे आतंकी के बयान को सबूत मानने से इनकार करते हुए कहा कि एक आतंकी दूसरे आतंकी को बचाने की कोशिश कर रहा है. इस बयान को अहम नहीं माना जा सकता. गौरतलब है कि पुणे में 13 फरवरी 2010 को बेकरी में धमाका हुआ. इस धमाके में 17 लोगों की मौत हो गयी थी और 58 लोग घायल हो गये थे. इस घटना के बाद सितंबर 2010 में हिमायत बेग को गिरफ्तार किया गया था.
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