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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मदनी ने कहा, मोदी सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है

नयी दिल्ली : दादरी कांड, रोहित वेमुला और जेएनयू मामलों को लेकर छिडी हालिया बहस की पृष्ठभूमि में देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आज कहा कि देश के बहुसंख्यक शांति चाहते हैं, लेकिन मुट्ठी भर लोग आग उगल रहे हैं जिन पर सरकार को लगाम लगानी चाहिए. ‘ जमीयत के अध्यक्ष मौलाना […]

नयी दिल्ली : दादरी कांड, रोहित वेमुला और जेएनयू मामलों को लेकर छिडी हालिया बहस की पृष्ठभूमि में देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आज कहा कि देश के बहुसंख्यक शांति चाहते हैं, लेकिन मुट्ठी भर लोग आग उगल रहे हैं जिन पर सरकार को लगाम लगानी चाहिए. ‘ जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आज यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता सम्मेलन’ में कहा, ‘‘ये कौन लोग हैं जो आग उगल रहे हैं. ये मुट्ठी भर लोग हैं. इस देश का बहुसंख्यक शांति का पक्षधर है.

अगर कुछ लोग यहां आग लगाते हैं तो इस आग को मुसलमान नहीं बुझाते, बल्कि बहुसंख्यक समाज के लोग ही इस आग को बुझाने का काम करते हैं.’ सत्तारुढ भाजपा के कुछ नेताओं के विवादास्पद बयानों का जिक्र करते हुए मदनी ने कहा, ‘‘हमारा सरकार से विरोध इस बात को लेकर है कि उसके अपने लोग आग उगलते हैं और वह खामोश रहती है. कई ऐसे सांसद हैं जो मुसलमानों के खिलाफ बयान देते हैं, लेकिन लगता है कि सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है.
सरकार को ऐसे लोगों पर लगाम लगानी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लोग देश में हर तरह की सांप्रदायिकता का विरोध करते हैं. चाहे वो मुसलमानों की तरफ की सांप्रदायिकता हो, या फिर हिंदुओं की तरफ की सांप्रदायिकता हो. हमने आजादी से पहले मुस्लिम लीग की सांप्रदायिकता का विरोध किया था और अब उन लोगों की सांप्रदायिकता का विरोध होना चाहिए जो लोग देश का माहौल खराब कर रहे हैं.’
जमीयत प्रमुख मदनी ने आरोप लगाया, ‘‘देश में मुसलमानों के अलावा ईसाइयों और दलितों को निशाना बनाया जा रहा है. बिहार चुनाव के ठीक पहले आरएसएस के नेता (मोहन भागवत) ने आरक्षण के खिलाफ बयान देते हैं. हरियाणा में दलित बच्चों को जला दिया गया. इसी तरह सेईसाई स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दिनों हैदराबाद में एक छात्र रोहित वेमुला ने खुदकुशी कर ली क्योंकि उसका अधिकार छीन लिया गया था.
प्रधानमंत्री ने इस पर आंसू बहाया, लेकिन हमारा मानना था कि वो आंसू दिखावटी थे .’ मदनी ने सवाल किया, ‘‘इन मामलों पर देश की सरकार खामोश रहती है. क्या यही सबका साथ, सबका विकास है?’ इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का एक संदेश पढा, जिसमें धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के पक्ष में कांग्रेस के खड़े रहने की बात की गयी.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा, ‘‘जो लोग अपनी तारीख के सिवाय दूसरों की तारीख नहीं पढते, वो ऐसे ही बोलते हैं तो आजकल दिख रहा है. देश में लड़ाई हिंदू और मुसलमान के बीच नहीं, बल्कि नजरिए की लड़ाई है. हम लोगों को सभी तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला मिलकर करना है.’ माकपा के सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘‘बुनियादी सवालों से ध्यान हटाने के लिए विवादित मुद्दे सामने लाए जा रहे हैं. भारत माता की जय कहने का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब भारत माता की हर संतान को भोजन मिले.’ सलीम ने कहा, ‘‘देश में दो तरह की सोच है. एक सोच देश को तोड़ने वाली है और दूसरी सबको साथ लेकर चलने वाली है. हम सभी को सबकोजोड़नेवाली सोच का साथ देना है.’

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