29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

इशरत मामला : पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई खारिज करने संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगा SC

नयी दिल्ली : अमेरिकी जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य डेविड हेडली के हालिया बयान के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जिसमें वर्ष 2004 में एक कथित फर्जी मुठभेड में मारी गयी इशरत जहां के मामले में गुजरात पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन, निलंबन और अन्य कार्रवाइयों […]

नयी दिल्ली : अमेरिकी जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य डेविड हेडली के हालिया बयान के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जिसमें वर्ष 2004 में एक कथित फर्जी मुठभेड में मारी गयी इशरत जहां के मामले में गुजरात पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन, निलंबन और अन्य कार्रवाइयों को खारिज करने का आग्रह किया गया है. पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली ने मुंबई की एक अदालत को बताया था कि इशरत आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य थी.

अधिवक्ता एम एल शर्मा ने जब इस मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया तो प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर और न्यायाधीश यू यू ललित की पीठ ने कहा, ‘इसे सूचीबद्ध होने दीजिए. तब हम इसे देखेंगे.’ शर्मा ने कहा कि हेडली का बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस बात को निर्णायक रुप से स्थापित करता है कि इशरत लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य थी. मुठभेड में कथित भूमिका को लेकर तत्कालीन डीआईजी डीजी वंजारा सहित गुजरात पुलिसकर्मी मुंबई की एक अदालत में अभियोजन का सामना कर रहे हैं.

याचिका में 26/11 मुंबई हमलों की साजिश में शामिल हेडली की ओर से हाल ही में दर्ज कराये गये बयानों का हवाला दिया गया. याचिका में कहा गया कि अब तथ्य अविवादित हैं कि गुजरात पुलिस ने इशरत जहां समेत जिन चार लोगों को मारा था, वे आतंकी थे. याचिका में कहा गया, ‘न्यायिक कार्यवाही और 26/11 के मुंबई हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर साजिश रचने वाले डेविड हेडली की ओर से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए मुंबई की विशेष अदालत में दर्ज कराये गये बयान के अनुसार, गुजरात पुलिस द्वारा वर्ष 2004 में इशरत जहां समेत जिन चार लोगों को मारा गया था, वे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुडे थे और उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या का काम सौंपा गया था.’

याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया कि गुजरात पुलिस कर्मियों और अन्य के खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकियों में उठाए गए कदमों और आपराधिक कार्यवाही को बंद करने का निर्देश दिया जाए. याचिका में इसे न्यायिक तथ्यों और हेडली के साक्ष्‍यों को देखते हुए असंवैधानिक करार दिया गया. याचिका में अदालत से कहा गया कि वह यह निर्देश जारी करे कि एक आतंकी को मारना भारतीय कानून के तहत अपराध नहीं है. इसके साथ ही यह भी अनुरोध किया गया कि न्याय के हित को देखते हुए राज्य के संबंधित पुलिसकर्मियों को उचित मुआवजा दिया जाए.

इसमें कहा गया कि उच्चतम न्यायालय और गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष सही तथ्य छिपाने और इशरत जहां मामले से जुडे तथ्यों के बारे में झूठा हलफनामा देने के लिए तत्कालीन गृहमंत्री और सीबीआई निदेशक के खिलाफ झूठे साक्ष्य (अवमानना की कार्यवाही के लिए स्वत) संज्ञान लिया जाए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें