नयी दिल्ली : आईएसआईएस के साथ अपने कथित संबंधों को लेकर और भारत तथा अन्य देशों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश के लिए हाल ही में निर्वासित किये गये तीन आतंकवादी संदिग्धों को आज दिल्ली की एक अदालत ने 10 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया.
शेख अजहर अल इस्लाम, मोहम्मद फरहान शेख और अदनान हुसैन की एनआईए हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश अमरनाथ के सामने ढके चेहरों के साथ पेश किया गया था. सूत्रों के अनुसार एनआईए ने तीनों आरोपियों की पुलिस रिमांड 12 दिन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि भारत और विदेश में आईएसआईएस की बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए पूछताछ की जरुरत है.
एनआईए ने अपनी रिमांड अर्जी में कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे इस्लामिक स्टेट के सक्रिय समर्थक हैं और आईएस की गतिविधियों को बढाने के लिहाज से इंटरनेट, टेलीफोन तथा संचार के अन्य तरीकों का इस्तेमाल करते हुए उसके कई सक्रिय सदस्यों के साथ करीबी संपर्क में हैं.” एजेंसी ने कहा कि आईएस द्वारा निवासी और अनिवासी भारतीयों की भर्ती समेत भारत और विदेशों में आईएस की गतिविधियों की व्यापक आपराधिक साजिश का खुलासा करने के लिए इन तीन आरोपियों से लगातार हिरासत में पूछताछ जरुरी है.
एनआईए ने कहा, ‘‘इस अवधि में आरोपियों से हिरासत में पूछताछ के नतीजतन कई तथ्यों का खुलासा हुआ है जो इन आरोपियों के बीच आपसी संबंधों और आईएस के साथ उनके संपकोंर् का पता लगाने के लिए जरुरी हैं.” एजेंसी के अनुसार, ‘‘आरोपियों से लगातार पूछताछ से कई तथ्यों का पता चला जिनकी आगे सत्यापन करने की और पडताल की जरुरत है कि ताकि आरोपियों द्वारा आईएस की गतिविधियों को बढाने में उनकी संलिप्तता साबित की जा सके.” फरहान और अदनान की ओर से पेश वकील एम एस खान ने एनआईए की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किलों से पहले ही विस्तार से पूछताछ की जा चुकी है और उनकी हिरासत बढ़ाने की कोई जरुरत नहीं है.
कर्नाटक के रहने वाले अदनान, महाराष्ट्र के रहने वाले फरहान और जम्मू कश्मीर के शेख अजहर को यूएई से निर्वासित किये जाने के बाद एनआईए ने 29 जनवरी को गिरफ्तार किया था.