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पहले कोई गोली चलायेगा, तो फिर हम गोलियां चलाने में गिनेंगे नहीं : राजनाथ सिंह

भोपाल: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की सीमाओं की शांति भंग करने वालों को चेतावनी दी है कि हम ‘छेडेंगे नहीं, पर छोडेंगे भी नहीं’ की अपनी नीति पर कायम हैं और हम पाकिस्तान के साथ पाक अधिकृत कश्मीर पर तो बात करने को तैयार हैं, लेकिन कश्मीर पर कोई बात कतई नहीं […]

भोपाल: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की सीमाओं की शांति भंग करने वालों को चेतावनी दी है कि हम ‘छेडेंगे नहीं, पर छोडेंगे भी नहीं’ की अपनी नीति पर कायम हैं और हम पाकिस्तान के साथ पाक अधिकृत कश्मीर पर तो बात करने को तैयार हैं, लेकिन कश्मीर पर कोई बात कतई नहीं होगी.

सिंह ने कल रात यहां वाय एन सिंह स्मृति प्रतिष्ठान की पहली व्याख्यानमाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंध चाहता है और किसी को भी नहीं छेडने की अपनी नीति पर चलता है, लेकिन यदि कोई पहली गोली हम पर चलाएगा, तो फिर हम अपनी गोलियां गिनेंगे नहीं. छेडेंगे नहीं, पर छोडेंगे भी नहीं.’ व्याख्यानमाला का विषय ‘राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती और रणनीति’ था. दिवंगत वाय एन सिंह, मध्यप्रदेश सरकार के सहकारिता विभाग में कार्यरत थे और 54 साल की आयु में उनका निधन हो गया था.
उन्होंने इफ्को और कृभको में उच्च प्रबंधकीय पदों पर भी काम करते हुए उर्वरक वितरण की उल्लेखनीय रणनीति अपनाकर देश का कृषि उत्पादन बढाने में उल्लेखनीय योगदान दिया था. पाकिस्तान द्वारा लगातार कश्मीर का मुद्दा उठाने का जिक्र करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘पाक रेंजर्स के महानिदेशक और प्रतिनिधिमण्डल से हाल की मुलाकात में मैंने उनसे साफ तौर पर कह दिया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और आगे भी रहेगा और यदि आप हमसे बात करना चाहते हैं, तो केवल पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर बात करें.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने पाक रेंजर्स को समझाने का प्रयास किया कि आप लोग क्यों वर्दी (सैनिकों) पर गोली चलाते हो, फिर हम उसका जवाब देते हैं, क्यों न हम दोनों मिलकर आतंकवाद को खत्म करने के लिए आतंकवादियों पर गोली चलाएं.’
सिंह का जम्मू-कश्मीर के अग्रिम क्षेत्रों का तीन दिवसीय दौरा मंगलवार को शुरु होगा. सिंह सांबा में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक शिविर में अधिकारियों की एक नई मेस (भोजनालय) का उद्घाटन करेंगे. वह इस सेक्टर की उन चौकियों पर भी जा सकते हैं, जो सीमा पार से गोलीबारी का शिकार होती रही हैं.इसके बाद सिंह पूर्वी लद्दाख के चुमार में उन सीमा चौकियों का दौरा करेंगे, जहां सितंबर 2014 में जानलेवा ठंड में भारतीय तथा चीनी सेनाएं आमने-सामने की स्थिति में आ गई थीं. इसके बाद हॉट स्प्रिंग में पुलिस स्मारक तथा थाकुंग और चुशूल में आईटीबीपी चौकियों का दौरा होगा.
दोनों ही बलों ने पिछले साल लगभग 15 दिन तक चली आमने-सामने की स्थिति के बाद स्पंगुर गैप में एक फ्लैग मीटिंग करके हिमालयी पठार से अपने अपने सैनिकों को वापस बुला कर तनाव कम करने का फैसला किया था.गृहमंत्री चीन-भारत सीमा पर स्थिति की समीक्षा करेंगे और सीमा की सुरक्षा करने वाले आईटीबीपी के सैनिकों से बातचीत करेंगे.
वह स्थानीय प्रशासन और सीमा सडक संगठन के साथ मिलकर अग्रिम इलाकों में की जा रही विकास गतिविधियों के बारे में चर्चा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता भी कर सकते हैं. सिंह ने भारत की 23 हजार किलोमीटर की सीमा की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जमीन और समुद्र की इस सीमा की सुरक्षा और चौकसी एक चुनौती है, लेकिन देशवासी आश्वस्त रहें, हम उनकी भलीभांति सुरक्षा कर रहे हैं. इनकी सुरक्षा को लेकर तार की बाड लगाने से लेकर जितने भी आधुनिक निगरानी उपकरण हैं, वे लगाए गए हैं और लगाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में यह मान लिया गया है कि अमेरिका और चीन के साथ भारत भविष्य की बडी अर्थव्यवस्था होगा. हम एक तेजी से बढती अर्थव्यवस्था के तौर पर उभर रहे हैं. मुझे भरोसा है कि भारत अपनी क्षमताओं के साथ 10-15 सालों में दुनिया की सबसे बडी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, लेकिन कुछ राष्ट्र विरोधी ताकतों ऐसा होते नहीं देखना चाहती हैं और हमारे यहां अशांति एवं गडबडी फैलाना चाहती हैं’.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत सह-अस्तित्व में भरोसा करता है और वह अकेला ऐसा देश है, जहां मुसलमानों के सभी 72 फिरके निवास करते हैं, यहां तक कि ये सभी फिरके दुनिया के मुस्लिम देश कहे जाने वाले देशों में नहीं पाए जाते हैं और कमोबेश यही स्थिति ईसाईयों और बौद्घों को लेकर भी है.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीतिक क्षमताओं की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके (मोदी) नेतृत्व की विशेषता का ही कमाल है कि ‘जो पहले कभी सोचा तक नहीं गया था’, यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) जैसा देश भी आतंकवाद से लडाई के मुद्दे पर भारत के साथ आकर खडा हो गया है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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