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फांसी के विरोध में उतरे वरूण, कहा- ज्यादातर अल्पसंख्यक व गरीबों को मिलती है सजा-ए-मौत

नयी दिल्ली: मुंबई सीरियल बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन भले ही आज जिंदा नहीं है लेकिन उसकी फांसी का कई संगठनों की ओर से विरोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब भाजपा सांसद वरूण गांधी भी उतर आये है. याकूब मेमन को फांसी पर लटकाये जाने के बाद उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर […]

नयी दिल्ली: मुंबई सीरियल बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन भले ही आज जिंदा नहीं है लेकिन उसकी फांसी का कई संगठनों की ओर से विरोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब भाजपा सांसद वरूण गांधी भी उतर आये है. याकूब मेमन को फांसी पर लटकाये जाने के बाद उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर से सांसद वरूण गांधी ने फांसी की सजा को समाप्त करने की वकालत की है.

एक अंग्रेजी पत्रिका में अपने लेख के माध्यम से वरूण गांधी ने कहा कि ज्यादातर कमजोर व अल्पसंख्यकों को फांसी की सजा दी गयी है. उन्होंने इस लेख में मौत की सजा पर विश्लेषण करते हुए लिखा है कि 75 फीसदी मौत की सजा कमजोर वर्गों से आने वालों को दी जाती है. युवा सांसद ने एक अन्य तथ्य रखते हुए लिखा कि तकरीबन 94 फीसदी फांसी की सजा दलितों या अल्पसंख्यकों को दी जाती है. इस लेख के माध्यम से उन्होंने उस फैसले की भी चर्चा की जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने रेयरेस्ट ऑफ द रेयर को शामिल किया है. वरूण गांधी ने कहा कि साल 2014 में कुल 64 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई. इस फैसले के बाद भारत उन 55 देशों में शामिल हो गया जहां फांसी की सजा सुनाई जाती है. इतना ही नही भारत इस सूची में टॉप टेन में था.

इसके साथ ही वरुण गांधी ने कहा, पूरे विश्व में करीब 140 देश ऐसे हैं जहां पर फांसी की सजा को खत्म कर दिया गया है. इसलिए भारत में इस सजा से हटकर कोई दूसरा विकल्प होना चाहिए. गौर हो कि वरु ण गांधी पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रह चुके है. याकूब मेनन को फांसी पर लटकाये जाने के बाद उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक चर्चा गरम है.

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