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इसरो आज करेगा अब तक का सबसे बड़ा कमिर्शयल लॉन्च

चेन्नई: अंतरिक्ष कार्यक्रमों से संबंधित मिशन की दिशा में भारत के लिए शुक्रवार का दिन बहुत अहम है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब तक का सबसे बड़ा कमिर्शयल लॉन्च करने जा रहा है. इसरो आज श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से ब्रिटेन के पांच उपग्रहों को लॉन्च करेगा. सभी उपग्रहों को पीएसएलवी-सी28 के जरिए भेजा जाएगा. […]

चेन्नई: अंतरिक्ष कार्यक्रमों से संबंधित मिशन की दिशा में भारत के लिए शुक्रवार का दिन बहुत अहम है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब तक का सबसे बड़ा कमिर्शयल लॉन्च करने जा रहा है. इसरो आज श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से ब्रिटेन के पांच उपग्रहों को लॉन्च करेगा. सभी उपग्रहों को पीएसएलवी-सी28 के जरिए भेजा जाएगा. इसरो इस बार अब तक का सबसे अधिक भार अंतरिक्ष तक भेज रहा है.

इसरो के अधिकारी ने बताया कि प्रक्षेपण के लिए 62.5 घंटे तक चलने वाली उल्टी गिनती बुधवार सुबह 7:28 पर शुरू हो गई. गिनती सुचारू रूप से जारी है और शुक्र वार रात 9:28 पर उपग्रह लांच होगा. 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-एक्सएल को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लाया जाएगा और उसे पांच उपग्रहों के बीच रखा जाएगा. पांचों उपग्रहों का कुल वजन करीब 1,440 किलोग्राम है जिससे यह इसरो और उसकी व्यावसायिक शाखा एंट्रिक्स कारपोरेशन का अभी तक का सबसे अधिक भार वाला व्यावसायिक मिशन हो गया है.

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का यह 30वां मिशन है. यह तीन एक जैसे डीएमसी3 ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा. इनका निर्माण ब्रिटेन की सूरे सैटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने किया है. इसके अलावा दो सहायक उपग्रहों को भी प्रक्षेपित किया जाएगा. तीन डीएमसी3 उपग्रहों में प्रत्येक का वजन का 447 किलोग्राम है और इन्हें 647 किलोमीटर दूर सूर्य-समकालिक (सन-सिंक्र ोनस) कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसे प्रक्षेपित करने के लिए पीएसएलवी-एक्सएल के उच्चतम प्रारूप का प्रयोग किया जाएगा.

इन तीन डीएमसी3 उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी28 ब्रिटेन के दो सहायक उपग्रहों सीबीएनटी-1 और डी-ऑर्बिटसेल को भी ले जाएगा. सीबीएनटी-1 एक पृथ्वी अवलोकन का लघु तकनीक प्रदर्शक उपग्रह है और इसका निर्माण एसएसटीएल ने किया है. डी-ऑर्बिटसेल एक सूक्ष्मतम (नैनो) तकनीक प्रदर्शक उपग्रह है और इसका निर्माण सूरे स्पेस सेंटर ने किया है. इन पांच अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों को डीएमसी इंटरनेशनल इमेजिंग (डीएमसीआईआई) और एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच की व्यवस्था के तहत प्रक्षेपित किया जाएगा. डीएमसीआईआई ब्रिटेन की सूरे सैटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी है.

इससे पूर्व इसरो के सफल अभियानों में मार्स आर्बिटर मिशन शामिल रहा है, जिसे पांच नवंबर 2013 को प्रक्षेपित किया गया था. वहीं, चंद्रयान-1 को 22 अक्तूबर 2008 को इसी पीएसएलवी एक्सएल से प्रक्षेपित किया गया था.

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