भोपाल/नयी दिल्ली : नम्रता डामोर की मौत मामले में पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही अपने रुख से यू-टर्न ले लिया. उज्जैन पुलिस रेंज के आइजी वी मधुकुमार ने बुधवार देर शाम कहा कि नम्रता की मौत मामले में पुलिस जांच पूरी हो चुकी है. इसकी रिपोर्ट भी पेश की जा चुकी है. इसलिए इसकी पुन:जांच या समीक्षा करने का सवाल ही नहीं है. कोर्ट अथवा किसी अन्य सक्षम संस्था के आदेश के बाद ही किसी मामले को फिर से खोला जा सकता है. इससे पहले, बुधवार सुबह उज्जैन के एसपी ने कहा था, ‘नम्रता मौत की फिर से जांच के आदेश दिये गये हैं. तराना के एसडीओपी इसकी जांच करेंगे.
गला घोंट कर की गयी थी नम्रता की हत्या : रिपोर्ट
व्यापमं घोटाले की आरोपी व एमबीबीएस की छात्र नम्रता डामोर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण ‘हिंसक रूप से दम घुटना’ बताते हुए इसे ‘मानवीय वध’ बताया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जिसकी प्रतिलिपि ‘भाषा’ के पास उपलब्ध है, नौ जनवरी, 2012 की है, जिस पर डॉ बीबी पुरोहित, डॉ ओपी गुप्ता एवं डॉ अनिता जोशी के हस्ताक्षर हैं. रिपोर्ट में मृत्यु से पहले ‘यौन संसर्ग’ की संभावना खारिज करने के लिए ‘हिस्टोपैथालॉजिकल’ परीक्षण की सलाह दी गयी थी. नम्रता का शव सात जनवरी, 2012 को उज्जैन जिले में रेल पटरियों के समीप पड़ा पाया गया था.
डॉ पुरोहित ने बुधवार को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हमने कहीं भी उसके द्वारा आत्महत्या की बात नहीं लिखी थी. शव के चेहरे पर तीन जगह नाखून से चोट के निशान थे. ज्ञात हो कि नम्रता इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की छात्र थी. संदेह था कि उसने व्यापमं में प्रवेश करानेवाले गिरोह की मदद से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया था. नम्रता की रहस्यमय मौत के मामले को समय के साथ भुला दिया गया था, लेकिन पिछले शनिवार को यह मामला फिर से सुर्खियों में उस समय आ गया, जब टीवी पत्रकार अक्षय सिंह नम्रता के पिता का इंटरव्यू लेने पहुंचे थे, जहां उसकी संदिग्ध मौत हो गयी.