नयी दिल्ली : पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत के द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान लिये गये फैसलों के संबंध में किये गये खुलासे के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता व वाजपेयी सरकार में वित्त व विदेश मंत्री जैसे अहम पदों पर रहे यशवंत सिन्हा तत्कालीन सरकार के फैसलों के बचाव में सामने आये हैं. यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वाजपेयी सरकार ने कंधार मामले में कोई गलती नहीं की है और तत्कालीन परिस्थितियों में लिया गया यह फैसला एकदम सही था. उन्होंने यह भी कहा है कि इस फैसले से पहले हमने तब सभी राजनीतिक दलों से बात की थी. मालूम हो कि दुलत ने वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिये इंटरव्यू में कहा है कि कंधार विमान अपरहण मामले में उस समय आपदा प्रबंधन समूह से चूक हुई थी.
उधर, रॉ प्रमुख के वाजपेयी सरकार के दौरान के कई रहस्यों के खुलासे के बाद कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गयी है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने आज प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि दुलत के दावों से यह बात सामने आ गयी कि कंधार कांड से निबटने में वाजपेयी सरकार किस तरह विफल रही थी और अपहृत विमान आइसी 814 को अमृतसर से जाने की अनुमति दे दी गयी. उन्होंने कहा कि इसी कारण से तीन आतंकियों मौलाना मसूद अजहर, अहमद शेख और मुश्ताक अहमद जर्गर को मुक्त करना पडा था.
दुलत के इन आरोपों से पहले ही कई परेशानियां का सामना कर रही भाजपा रक्षात्मक मुद्रा में आ गयी है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि तत्कालीन एनडीए सरकार की प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित रिहा कराना था. वहीं, भाजपा के राज्यसभा सदस्य एमजे अकबर ने सवाल उठाया है कि क्या उस वक्त यात्रियों को मरने के लिए छोड दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उस समय उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया था.
क्या कहा है दुलत ने
तत्कालीन रॉ प्रमुख एएस दुलत ने कहा है कि जब 24 दिसंबर को आइसी 814 विमान का अपहरण हुआ था, तब आपदा प्रबंधन समूह (सीएमजी) की ओर से उस वक्त गडबडी हुई, जब विमान को अमृतसर उतरने पर नहीं रोका गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई निर्णय नहीं लेना चाहता था, इस कारण पंजाब पुलिस के पास कोई दिशा निर्देश नहीं पहुंचाया गया. उन्होंने कहा कि वे बहस में लगे रहे और विमान उड गया. उन्होंने कहा कि अंतत: सीएमजी ने 155 यात्रियों व चालक दल को छुडाने के लिए तीन आतंकवादियों को छोडने की सहमति दे दी.