बेंगलुरु : यूपीए सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आधार के पूर्व अध्यक्ष और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं. अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाईम्स की खबर के अनुसार वे एक राष्ट्रव्यापी शिक्षा कार्यक्रम से जुड़ सकते हैं. इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अभी वह काम कर रहे हैं.
नीलेकणी 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वालों में से एक हैं. उन्होंनेबेंगलुरुसाऊथ से भाजपा उम्मीदवार अनंत कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. नीलेकणी ने यूपीए-2 के कार्यक्रम आधार में अहम भूमिका निभाई थी. उनका उद्देश्य देश के प्रत्येक व्यक्ति को 12 डिजीट के यूनिक नंबर से जोड़ना था, जिसमें उन्होंने काफी हद तक सफलता भी प्राप्त की. हालांकि इस नंबर को कर्नाटक सरकार के द्वारा उपयोग में नहीं लाया गया, साथ ही तत्कालीन यूपीए सरकार भी इसे पूरी तरह से लागू करने में नाकाम रही थी.
यूपीए सरकार ने इस आधार नंबर को लागू किया, लेकिन बाद में 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले इसकी आवश्यकता पर जोर नहीं दिया. चुनाव के बाद जैसे ही एनडीए सरकार ने गद्दी संभाली उसने आधार को अपनाया और इसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना से जोड़ दिया. आधार कार्यक्रम को नकारात्कता की ओर जाता देख नीलेकणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की जिसका उन्हें सकारात्मक परिणाम मिला और आज प्रधानमंत्री की सफलतम योजनाओं में से एक जन-धन योजना से इसे जोड़ा गया.
नीलेकणी प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल करना चाहते हैं, जिसमें वे 5 से 12 साल के बच्चों को टारगेट करने का प्रयत्न करेंगे. वे तकनीक का इस्तेमाल करके इन्हें गणित की शिक्षा प्रदान करेंगे. वे मोबाईल और टैब के माध्यम से इन्हें घर बैठे शिक्षा प्रदान करेंगे.