नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने आय से 6.1 करोड रुपये अधिक की संपत्ति कथित तौर पर अर्जित करने के मामले में आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच शुरू कर दी. आरोप है कि वीरभद्र ने यह संपत्ति केंद्रीय इस्पात मंत्री रहने के दौरान अर्जित की थी. कांग्रेस ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बदले की राजनीति ना करें और सबसे पहले ललित मोदी की मदद के लिए सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे के खिलाफ कार्रवाई करें.
वीरभद्र के मामले में सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, पुत्र विक्रमादित्य सिंह, पुत्री अपराजिता सिंह और एक एलआइसी एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ जांच की जा रही है. सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी 6.1 करोड रुपये की कथित बेहिसाबी संपत्ति के मामले में आय से अधिक संपत्ति के नजरिए से जांच करेगी. यह ममाला 2009-11 के दौरान का है जब वीरभद्र संप्रग सरकार में इस्पात मंत्री थे.
उन्होंने बताया कि आरोप लगाया गया है कि सिंह ने केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान एलआइसी एजेंट चौहान के जरिए जीवन बीमा पॉलिसियों में अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम से 6.1 करोड रुपये का निवेश किया. सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी का पहला कदम शिकायत की प्रमाणिकता या एजेंसी को मिली स्रोत सूचना को जांचना है और यदि प्रथम दृष्ट्या आरोप सही पाए जाते हैं तो मामले को प्राथमिकी अर्थात नियमित मामले में तब्दील कर आगे जांच की जाएगी.