मुंबई : अहमदाबाद में महात्मा गांधी मेमोरियल और मध्य प्रदेश में विधान भवन को आकार देने वाले भारत में आधुनिक वास्तुकला का चेहरा चार्ल्स कोरिया का संक्षिप्त बीमारी के बाद कल रात यहां निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे. कोरिया के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार कल यहां किया जाएगा.
पदम पुरस्कारों से अलंकृत कोरिया ने स्वतंत्रता के बाद भारत की वास्तुकला को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई और कई बेहद उत्कृष्ट संरचनाएं डिजाइन कीं। अहमदाबाद में महात्मा गांधी मेमोरियल और मध्य प्रदेश में विधान भवन की उत्कृष्ट संरचनाएं कोरिया के हुनर का ही नमूना हैं. वह 1970 के दशक में नवी मुंबई के मुख्य वास्तुकार थे. उन्हें बाद में शहरीकरण पर राष्ट्रीय आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. कोरिया को कम आयवर्ग के लिए आवास निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए भी जाना जाता है.
उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते और वह शहरी योजना एवं किफायती आवास निर्माण के विशेषज्ञ थे। उन्हें 1972 में पद्मश्री और 2006 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. एक सितंबर 1930 को सिकंदराबाद में जन्मे कोरिया ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से पढाई की। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन और प्रतिष्ठित मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी:एमआईटी: से शिक्षा ग्रहण की.
कोरिया ने भारत और विदेश के कई विश्वविद्यालयों में पढाया और उन्हें वास्तुकला के लिए आगा खान पुरस्कार, प्रीमियर इम्पीरियल ऑफ जापान और रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स (आरआईबीए) के रॉयल गोल्ड मेडल समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्होंने 1984 में मुंबई में शहरी डिजाइन अनुसंधान संस्थान की स्थापना की। यह संस्थान पर्यावरण संरक्षण और शहरी समुदायों में सुधार के लिए समर्पित है.