आप जानते थे कि क्या हो रहा है लेकिन आपने अपनी राजनीति जारी रखने का निर्णय किया. आप जानते थे कि जब गरीब गजेन्द्र सिंह पेड से कूद गया तो उसने आत्महत्या कर ली थी. श्रीमान् अरविंद केजरीवाल महोदय अच्छी तरह जानते थे कि वह मर चुका है. फिर भी आपने चुप नहीं रहने का निर्णय किया. फिर भी आप राजनीति करते रहे.’’
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रैली के दौरान किसान ने की खुदकुशी, निशाने पर आए अरविंद केजरीवाल
नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान आज राजस्थान के एक किसान ने खुदुकशी कर ली. विरोधियों ने घटना के बाद भी रैली जारी रखने पर इस ‘अति संवेदनहीनता’ को लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा है. इस घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी शुरु […]
नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान आज राजस्थान के एक किसान ने खुदुकशी कर ली. विरोधियों ने घटना के बाद भी रैली जारी रखने पर इस ‘अति संवेदनहीनता’ को लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा है.
इस घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी शुरु हो गया. विरोधी दलों ने इस घटना को लेकर आप के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की. आप ने इस रैली का आयोजन केंद्र के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ किया था.
जंतर-मंतर पर 41 वर्षीय गजेंद्र सिंह ने पेड पर चढकर खुद को फांसी लगा ली. आप के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उसे नीचे उतरने की बार बार अपील की.
पुलिस इस पूरी घटना को देख रही थी तो इसी बीच आप के कार्यकर्ता पेड पर चढ गए और सिंह को बचाने का प्रयास किया. उसे राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.गजेंद्र सिंह दौसा के नांगल झमरवदा गांव का निवासी था. उसने हिंदी में एक सुसाइड नोट छोडा है जिसमें उसने कहा कि उसके तीन बच्चे हैं और बारिश एवं ओलावृष्टि में फसलें नष्ट होने के बाद उसके पिता ने उसे बेदखल कर दिया.
सिंह ने सुसाइड नोट में यह भी कहा कि उसकी जिंदगी में आगे कुछ नहीं बचा है. उसने सुसाइड नोट के आखिर में ‘जय जवान, जय किसान, जय राजस्थान’ लिखा. उसने परिवार का फोन नंबर भी लिखा था.
घटना के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने रैली जारी रखी और करीब 20 मिनट तक भाषण दिया जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी की सरकार धनकुबेरों लिए काम कर रही है.आप के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने पहले आरोप लगाया कि किसान को नहीं बचाने की पुलिस की साजिश थी ताकि आप की छवि को खराब किया जा सके.
आप के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में सबके सामने घटना होने पर आलोचनाओं का सामना कर रहे केजरीवाल ने कहा, ‘‘हम पुलिस से उन्हें नीचे लाने को कहते रहे. पुलिस हमारे नियंत्रण में नहीं हो सकती है लेकिन उनमें कम से कम मानवता तो होनी चाहिए. मैं मनीष सिसोदिया के साथ अस्पताल जा रहा हूं.’’
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्र ने कहा, ‘‘मैं आप के उन सभी नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या महत्वपूर्ण है ? किसी की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण है या राजनीति ज्यादा महत्वपूर्ण है ? किसी की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण है या आपका कॅरियर ज्यादा महत्वपूर्ण है ? कुछ बनने की आपकी इच्छा ज्यादा महत्वपूर्ण है या किसी मरते व्यक्ति को बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण है ?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह षड्यंत्र है.
दिल्ली भाजपा के प्रमुख सतीश उपाध्याय ने कहा कि, ‘‘यह हत्या का मामला है और पूरे मामले की जांच की जाए.’’
आम आदमी पार्टी ने इसे ‘‘षड्यंत्र’’ बताया और दुखद घटना के दौरान पुलिस पर ‘‘मूकदर्शक’’ बने रहने के आरोप लगाए और दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जो केंद्र के मातहत काम करती है.आप के वरिष्ठ नेताओं कुमार विश्वास, संजय सिंह और आशुतोष ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में किसान की जिंदगी नहीं बचाने के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पुलिस को कहा गया था कि वे किसान को बचाएं.
कांग्रेस प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होना चाहिए.. जिन दो लोगों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है वे हैं प्रधानमंत्री :नरेन्द्र: मोदी और मुख्यमंत्री (अरविंद) केजरीवाल.’’ बहरहाल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सावधानी बरतते हुए कहा कि ‘‘दुख की इस घडी’’ में वह कोई बयान नहीं देना चाहते लेकिन किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी पार्टी किसानों के साथ मजबूती से खडी है और किसी को भी उनकी जमीन नहीं छीनने देगी. उन्होंने युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि किसान के शव को उसके गृहनगर में भेजने में सहयोग करें.
घटना को ‘‘दुखद’’ बताते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह दिखाता है कि देश में कृषि कितने गहरे संकट में है और किसान कितने दुखी हैं. उन्होंने सरकार को इस बारे में सोचने की सलाह दी.भाकपा नेता डी. राजा ने कहा कि घटना से किसानों की गहरी निराशा झलकती है. उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार को भूमि अधिग्रहण विधेयक को टाल देना चाहिए और किसानों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिनकी फसलें बेमौसम बारिश में क्षतिग्रस्त हो गई हैं.
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