नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आज कहा कि 16 दिसंबर के बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार कांड के मुजरिम के साक्षात्कार के प्रसारण पर रोक अगले आदेश तक बरकरार रहेगी. यह साक्षात्कार तिहाड जेल में लिया गया था.साथ ही गृह मंत्रालय ने बीबीसी, विदेश मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय और आईटी विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि 16 दिसंबर सामूहिक बलात्कार पीडिता पर बनाये गये वृत्त चित्र का कहीं भी प्रसारण नहीं हो.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) संजय खनगवाल ने यह आदेश उस समय दिया जब दिल्ली पुलिस ने एक मजिस्ट्रेट द्वारा कल लगाये गये प्रतिबंध संबंधी आदेश को उनके समक्ष पेश किया. उन्होंने कहा कि साक्षात्कार के प्रसारण पर प्रतिबंध जारी रहेगा.
अदालत ने यह भी कहा कि यदि कोई साक्षात्कार प्रसारित करता है तो पुलिस जरुरत महसूस होने पर कार्रवाई भी कर सकती है. दिल्ली पुलिस ने कल इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी और उसके बाद मीडिया द्वारा इस साक्षात्कार के प्रसारण, ट्रांसमिशन, प्रकाशन पर रोक के बारे में अदालत से आदेश हासिल किया था.
यह मामला ब्रिटिश फिल्मकार लेस्ली उडविन और बीबीसी द्वारा किए गए साक्षात्कार से जुडा है जिसमें 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार कांड के मुजरिम मुकेश सिंह ने विवादास्पद बयान दिया था. इस बयान के बाद जनाक्रोश फैल गया था.
उधर, गृह मंत्रालय इस मामले में बीबीसी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में हैं. मंत्रालय उस पर इंटरव्यू के लिए लगाये गये शर्तो का पालन नहीं करने के आरोप में कार्रवाई करेगा.
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2012 को एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्र से मुकेश समेत छह लोगों ने नृशंस सामूहिक बलात्कार किया था. यह बस मुकेश ही चला रहा था. साक्षात्कार को लेकर पुलिस ने भादसं और आईटी कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
उडविन ने दावा किया था कि उन्होंने बीबीसी के वास्ते मुकेश से साक्षात्कार करने के लिए तिहाड जेल की तत्कालीन महानिदेशक विमला मेहरा से इजाजत ली थी. पुलिस ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है.