नयी दिल्ली : धर्म परिवर्तन मामले से सुर्खियों में आने वाले राजेश्वर सिंह को राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ ने छुट्टी पर भेज दिया है. अंग्रेजी दैनिक इक्नॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के अनुसार आरएसएस ने उन्हें खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए छुट्टी पर भेजा है. राजेश्वर ने कहा है कि उन्होंने इलाज कराने के लिए कुछ महीने की छुट्टी ली है.
वे 1971 से ही संघ के प्रचारक रहे हैं.पिछले महीने धर्म परिवर्तन के संबंध में विवादित बयान देकर उन्होंने भाजपा सरकार को मुश्किल में डाल दिया था जिसके कारण संसद का शीतकालीन सत्र बाधित रहा. 55 साल के राजेश्वर सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अकेले घर वापसी कार्यक्रम की कमान संभाल रखी थी. इस कार्यक्रम को वे धर्म जागरण मंच के द्वारा 1996 से ही कर रहे हैं.
2021 के अंत तक भारत को मुस्लिम औरइसाइयोंसे मुक्त करा लेंगे
अलीगढ़ में धर्म परिवर्तन कराने के प्लान को लेकर विवादों में आए धर्म जागरण मंच के नेता राजेश्वर सिंह के एक बयान से मोदी सरकार विपक्ष के घेरे में आ गई. राजेश्वर सिंह ने कहा है कि साल 2021 के अंत तक भारत को मुस्लिम और इसाइयों से मुक्त करा लेंगे. राजेश्वर सिंह पश्चिमी यूपी में आरएसएस के इस संगठन धर्म जागरण मंच के अध्यक्ष हैं. राजेश्वर ने विवादित बयान देते हुए कहा कि भारत में मुस्लिम और इसाइयों को रहने का हक नहीं है. इसके बाद राज्यसभा में विपक्ष ने और जोर शोर से मोदी सरकार को घेरा. विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ा था.
25 दिसंबर को ‘घर वापसी’ का कार्यक्रम टला
अलीगढ़ में धर्म परिवर्तन के कार्यक्रम के आयोजन की खबर के बाद चर्चा में आए धर्म जागरण मंच के नेता राजेश्वर सिंह ने और भी कई आपत्तिजनक बयान दिए. उन्होंने कहा कि वे 3 लाख से अधिक लोगों की घर वापसी करवा चुके हैं. उन्होंने आगरा में हुए घर वापसी कार्यक्रम के बाद मीडिया पर अपना गुस्सा उतारा. इस दौरान मीडिया के सवालों पर वह भड़कते भी दिखे. धर्म जागरण मंच 25 दिसंबर को घर वापसी का एक कार्यक्रम करने वाली थी जिसे बाद में स्थगित कर दिया गया. इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की बहुत किरकिरी हुई. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले में राज्य सरकार को कारवाई करनी चाहिए.