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विदेशों में भी उजागर हुआ एक भारतीय बाबा का कुकृत्य
नयी दिल्ली : भारत के बाद विदेशों में भी एक भारतीय संत के कुकृत्य का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. इस सनसनीखेज खुलासे में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में एक भारतीय संत बलात्कार को ईश्वर के करीब आने का जरिया बताते हुए महिलाओं का यौन शोषण करता रहा. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में मंगलावार […]
नयी दिल्ली : भारत के बाद विदेशों में भी एक भारतीय संत के कुकृत्य का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. इस सनसनीखेज खुलासे में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में एक भारतीय संत बलात्कार को ईश्वर के करीब आने का जरिया बताते हुए महिलाओं का यौन शोषण करता रहा.
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में मंगलावार को छपी खबर के मुताबिक आस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स के मैंग्रोव पर्वत पर स्थित सत्यनंद योग आश्रम और इसके प्रमुख अखंडानंद सरस्वती के खिलाफ आयोग की जांच में यह पाया गया कि आश्रम में रहने के दौरान 11 बच्चों से दुराचार किया गया.
अखबार के हवाले से कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में हुए यौन दुराचार के ऐसे ही मामले में हुई जन सुनवाई के दौरान यह बात सामने आयी कि ऑस्ट्रेलिया के सबसे पुराने आश्रम के भारतीय प्रमुख ने वहां तीन साल तक की बच्ची से बार-बार छेड़छाड़ की और शिकायत करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी.
‘रॉयल कमीशन इन टू इंस्टीट्यूशनल रिसपॉंन्स टू चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज’ को बताया गया कि इस आश्रम के प्रमुख स्वामी अखंडानंद सरस्वती ने 1970 और 1980 के दशक के दौरान बच्चों का यौन शोषण किया था.
आश्रम में रहने वाली एक महिला ने भी बताया कि वह वहां एक दासी और मांस के एक पुतले की तरह खुद को महसूस करती थी. जब वह 16 साल की थी तब उसके साथ बलात्कार किया गया.
अखंडानंद सरस्वती को 1987 में आरोपी बनाया गया था जब एक पीड़िता पुलिस के पास गई थी. उन्हें 1989 में दोषी ठहराया गया और जेल की सजा सुनाई गई पर 1991 में एक कानून की तकनीकी पेंच पर यह फैसला पलट दिया गया. 1997 में इनकी मौत हो गयी.
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