कोलकाता: आईआईटी के छात्रों ने भारत में कृषि उत्पादों को बचाने के लिए एक अनूठा तरीका खोज निकाला है. उन्होंने एक ऐसा कोल्ड स्टोरेज का निर्माण किया है जो सुर्य की ऊर्जा से चलता है. इसकी खासियत यह है कि इसकी लागत लगभग शून्य है.
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र विवेक पांडेय और उनकी टीम ने आईआईटी खडगपुर के साइंस एंड टैक्नोलॉजी इंटप्रेन्योरशिप पार्क (एसटीईपी) में विकसित माइक्रो कोल्ड स्टोरेज तंत्र का कर्नाटक के एक खेत में सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.
पांडेय ने कहा, ‘दुनिया भर में अपनी तरह का यह पहला उत्पाद है क्योंकि इसमें किसानों को इसे चलाने के लिए कोई खर्च नहीं करना पडता है और स्वच्छ तथा सतत तकनीक पर 12 महीने काम करता है. हमने उत्पाद में इस्तेमाल तकनीक के वास्ते चार पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया है.’
नियमित ठंडा करने के साथ अनोखे थर्मल स्टोरेज विधि का प्रयोग करते हुए माइक्रो कोल्ड स्टोरेज 2.5 केडब्लू-3.5 केडब्लू सोलर पैनल के जरिए कृषि उत्पादों की आयु को बढा देता है.
उन्होंने कहा कि पैदा बिजली को सीधे कंप्रेसर पर भेजा जाता है जो ठंड की मांग के हिसाब से तालमेल बिठाकर अपनी गति तय करता है. बैटरी के स्थान पर तंत्र में थर्मल स्टोरेज यूनिट है जो बादल छाए रहने या बारिश होने की वजह से सूरज नहीं निकलने की स्थिति में 36 घंटे के लिए बिजली संग्रह कर सकता है.