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आतंकवादियों को कश्मीर घाटी ले जा रहा जम्मू-कश्मीर पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी गिरफ्तार

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को दो आतंकवादियों को अपनी कार में कश्मीर घाटी ले जाने के आरोप में उनके साथ गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यहां यह जानकारी दी. कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार ने कहा कि यह घृणित अपराध है और […]

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को दो आतंकवादियों को अपनी कार में कश्मीर घाटी ले जाने के आरोप में उनके साथ गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यहां यह जानकारी दी.

कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार ने कहा कि यह घृणित अपराध है और दविंदर सिंह के साथ आतंकवादियों जैसा ही सलूक किया जा रहा है और सभी सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से उससे पूछताछ कर रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या हवाईअड्डे पर इस अधिकारी की तैनाती सुरक्षा में चूक थी क्योंकि उसे इसी हफ्ते घाटी का दौरा करने वाले विभिन्न देशों के राजदूतों के साथ देखा गया था, कुमार ने कहा कि अधिकारी के संलिप्तता के बारे में पुलिस के पास शनिवार तक कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा, वह ड्यूटी पर था और हम उसे इससे कैसे रोक सकते थे क्योंकि हमारे पास किसी चीज में उसकी संलिप्तता को लेकर कोई जानकारी नहीं थी.

आईजी ने कहा कि संसद हमला मामले में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी की भूमिका का कोई रिकॉर्ड नहीं है जैसा की मीडिया के एक वर्ग में बताया जा रहा है. उन्होंने कहा, हमारे पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है और मेरे पास कोई जानकारी नहीं है, लेकिन हम उससे इस बारे में पूछेंगे. अब तक हुई जांच का ब्योरा देने से इनकार करते हुए कुमार ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार को उनको हिरासत में लिये जाने की खबर फैलते ही, कुछ आतंकवादी शोपियां के अपने ठिकाने से भाग गये.

आईजी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गिरफ्तार किया गया एक आतंकवादी नावीद, पूर्व में पुलिस कॉन्स्टेबल था और हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए 2017 में बल से अलग हो गया था. वह पुलिस कर्मियों और आम नागरिकों की हत्या के मामले में शामिल रहा है. उन्होंने कहा, पुलिस अधिकारी (सिंह) ने कई आतंकवाद रोधी अभियानों पर काम किया है, लेकिन कल उन परिस्थितियों के अंतर्गत उसे गिरफ्तार किया गया जब वह आतंकवादियों के साथ जम्मू की तरफ अपनी कार से जा रहा था, जो एक घृणित अपराध है. इसलिए उसके साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है. उन्होंने कहा, उनको उचित ढंग से गिरफ्तार किया गया, रिमांड के तहत लाया गया और उनसे पूछताछ जारी है. यह जांच शुरुआती चरण में है और मैं इससे अधिक कुछ साझा नहीं कर सकता.

जांच जारी है और हमें कई जानकारियां प्राप्त हुईं जिसे हम साझा नहीं करेंगे क्योंकि ऑपरेशन जारी है. कल जब यह खबर फैली थी, कुछ आतंकवादी शोपियां के ठिकाने से गायब हो गये. यह ठिकाना जमीन से आठ फुट नीचे था जहां खाने के सामान के साथ ही अन्य चीजें रखी हुईं थी. शनिवार के अभियान का ब्योरा देते हुए कुमार ने कहा कि शोपियां के पुलिस अधीक्षक को खुफिया जानकारी मिली थी कि दो आतंकवादी एक वाहन में राष्ट्रीय राजमार्ग से जम्मू की तरफ जा रहे हैं. उन्होंने बताया, शोपियां एसपी ने मुझे सूचित किया और मैंने दक्षिण कश्मीर के डीआईजी को निर्देश दिया और एक नाका डाला गया. कार की तलाश की गयी और दो वांछित आतंकवादी उसमें मौजूद थे. पुलिस का एक उपाधीक्षक भी एक स्थानीय व्यक्ति के साथ मौजूद था जो पेशे से वकील और हमारे रिकॉर्ड में आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वाला सक्रिय सदस्य है.

आईजी ने कहा कि पहले पुलिस ने और बाद में खुफिया विभाग (आईबी) और रॉ समेत घाटी की अन्य एजेंसियों ने आतंकवादियों और पुलिस अधिकारी से पूछताछ की. कुमार ने कहा, मैंने सुरक्षा बलों और एजेंसियों को संयुक्त पूछताछ के लिए बुलाया जो अब भी जारी है. एक आतंकवादी की पहचान शीर्ष कमांडर नवीद के रूप में हुई है जो 2017 में पुलिस कॉन्स्टेबल था और बडगाम से चार राइफलों के साथ फरार हो गया था. वह पुलिसकर्मियों एवं नागरिकों की हत्या में शामिल रहा है. उसके खिलाफ 17 प्राथमिकियां दर्ज हैं. वह शोपियां का जिला कमांडर और हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू का 2आईसी है.

उन्होंने कहा कि यह मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारी के घर से किसी तरह की जब्ती हुई है यह पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि कुछ बरामदगी हुई है. उन्होंने कहा, यह जांच का मामला है और बरामदगी को प्राथमिकी में दर्ज किया गया है. यह पूछे जाने पर कि आतंकवादियों के साथ डीएसपी की संलिप्तता बड़ा सुरक्षा जोखिम थी क्योंकि अधिकारी श्रीनगर हवाईअड्डे पर अपहरण रोधी इकाई में तैनात था, आईजी ने कहा, संयुक्त पूछताछ जारी है जिसमें सभी एजेंसियां सुरक्षा बल, पुलिस, आईबी, रॉ, सीआईडी और सभी शामिल हैं और ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि यह संवेदनशील मामला है और इसमें कोई खामी नहीं रहनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि वाहन के मालिक की पुष्टि हो चुकी है. आईजी ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की आतंकवादियों के साथ संलिप्तता के आरोपों को खारिज किया और कहा कि इसे सबके साथ नहीं जोड़ा जा सकता. उन्होंने कहा, आप इसे सामान्यीकृत नहीं कर सकते हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस की इसमें कोई संलिप्तता नहीं है.

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