नयी दिल्लीः अयोध्या भूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला देने वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने आज देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पद की ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस बोबडे को भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलवाई. 17 नवंबर को रिटायर हुए पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने ही जस्टिस बोबडे के नाम की सिफारिश की थी.
#WATCH Delhi: Justice Sharad Arvind Bobde takes oath as the 47th Chief Justice of India. He succeeds Justice Ranjan Gogoi. pic.twitter.com/Spb5Eys5KS
— ANI (@ANI) November 18, 2019
बतौर सीजेआई जस्टिस एस. ए. बोबडे के सामने कई बड़े फैसले होंगे, जिनपर उन्हें फैसला सुनाना होगा. हाल ही में अयोध्या विवाद पर फैसला आया है, लेकिन इसपर पुनर्विचार याचिका दायर होने का भी निर्णय मुस्लिम पक्ष ने लिया है. दूसरी ओर सबरीमाला विवाद को अब बड़ी बेंच को सौंपा गया है, ऐसे में बतौर सीजेआई वह इस बेंच का हिस्सा होंगे.
जस्टिस बोबडे ने कई ऐतिहासिक फैसलों में अहम भूमिका निभाई है. 63 वर्षीय जस्टिस बोबडे का कार्यकाल करीब 17 महीने का होगा और वह 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे. माना जा रहा है कि उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति या उनके नाम को खारिज करने संबंधी कलीजियम के फैसलों का खुलासा करने के मामले में वह पारंपरिक दृष्टिकोण अपनाएंगे.
वरिष्ठता क्रम की नीति के तहत निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने उनका नाम केंद्र सरकार को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर भेजा था. न्यायमूर्ति बोबडे को सीजेआई पद पर नियुक्त करने के आदेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दस्तखत किए जिसके बाद विधि मंत्रालय ने उन्हें भारतीय न्यायपालिका के शीर्ष पद पर नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की.