नयी दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए लाल किला पहुंचे कई बच्चे समारोह के बाद मौके पर रुककर प्लास्टिक का कूड़ा, कप, केले के छिलके इकट्ठा करते नजर आये. इन बच्चों ने अपने इस कदम से दूसरों के लिए भी मिसाल पेश की. कई बच्चे प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने का समारोह से प्रधानमंत्री का संदेश लेकर गये. राजकीय सर्वोदय विद्यालय, यमुना विहार में पढ़ाने वाले राज कुमार मौर्य ने कहा कि उनके छात्रों ने खुद से कचरा इकट्ठा करने की इच्छा जतायी और सबके जाने का इंतजार करते रहे.
उन्होंने कहा, ‘हम विद्यालयों में एकल इस्तेमाल वाली प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने पर जोर दे रहे हैं. बच्चों का समाज पर काफी प्रभाव होता है. वे घर पर, विद्यालय में और दूसरी जगहों पर अपना योगदान दे रहे हैं.’ सर्वोदय कन्या विद्यालय नं-1, यमुना विहार की दिपांशी तोमर (15) ने कहा कि छात्रों से कागज के थैलों में अपनी प्लास्टिक की बोतलों को इकट्ठा करने को कहा गया था.
उन्होंने कहा, ‘हमने यह सुनिश्चित किया कि कोई गंदगी न फैले. कुछ जगहों पर प्लास्टिक की बोतलें और थैलियां पड़ी हुई थीं, हमने उन्हें इकट्ठा कर कूड़ेदान में डाला.’ विद्यालय की ही लक्ष्मी ओम प्रकाश ने कहा कि प्लास्टिक की बोतलों से बचा जा सकता था. ये नालियों में फंस जाती हैं और पर्यावरण और जल निकायों को प्रदूषित करती हैं.
राजकीय सर्वोदय विद्यालय के आदित्य बालियान भी अपने दोस्तों के साथ प्लास्टिक की खाली बोतलें अपने दोस्तों के साथ एक गत्ते के डिब्बे में इकट्ठा कर रहे थे. बालियान ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की बातें सभी के लिए प्रेरणा का काम करेंगी. उन्होंने एक मुद्दा उठाया है और हर किसी को इसमें अपना योगदान देने की जरूरत है. इसके लिए जरूरी है कि लोगों को प्लास्टिक के पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया जाये.’
कक्षा आठवीं की छात्रा कोमल ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री के भाषण से बहुत कुछ सीखा है. उन्होंने हमें काफी चीजें सिखायीं और प्लास्टिक छोड़कर कपड़े के थैले अपनाने की भी सलाह दी. मैं अब पॉलीथीन के इस्तेमाल से परहेज करूंगी और अपनी मां को भी कपड़े के थैले ही इस्तेमाल करने के लिए कहूंगी.’