शिमला : हिमाचल प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों के स्थान पर दूसरे व्यक्तियों के बैठने की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. परीक्षा रविवार को थी, लेकिन अभ्यर्थियों के स्थान पर बैठे अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी. राज्य के सभी 12 जिलों में 39 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी.
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प्रवक्ता ने बताया कि परीक्षा के लिए नयी तिथि की घोषणा जल्द की जायेगी. उन्होंने कहा कि 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें से हिमाचल प्रदेश के तीन, हरियाणा से सात, उत्तर प्रदेश से दो और एक राजस्थान का था. उन्होंने बताया कि आरोपियों को कांगड़ा की एक अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें 16 अगस्त तक चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के तहत कांगड़ा जिले के भवरना पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया.
प्रवक्ता ने कहा कि आरोपियों से मोबाइल फोन, इयर पीस आदि बरामद किये गये. उनके पास से हरियाणा नंबर की एक कार भी जब्त की गयी. प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पुलिस से संपर्क किया जा रहा है, ताकि आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जा सके. पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि एसआईटी का नेतृत्व पालमपुर एसडीपीओ अमित शर्मा करेंगे.
इस बीच, यहां एक कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से कहा कि परीक्षा रद्द करने का निर्णय वास्तविक अभ्यर्थियों के हित में किया गया. उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षा जल्द से जल्द फिर से कराने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि फिर से कराई जाने वाली परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा. वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने परीक्षा रद्द किये जाने को बेरोजगार युवाओं के साथ क्रूर मजाक करार दिया.