मनीला : भारतीय पत्रकार रवीश कुमार को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार 2019 से आज सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार को एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है.प्रशस्ति पत्र में 44 वर्षीय कुमार को भारत के सबसे प्रभावी टीवी पत्रकारों में से एक बताया गया है. वह एनडीटीवी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक हैं.उनका नाम उन पांच व्यक्तियों में शुमार है जिन्हें इस पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है.प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि कुमार का कार्यक्रम “प्राइम टाइम” “आम लोगों की वास्तविक, अनकही समस्याओं को उठाता है.’ साथ ही इसमें कहा गया, “अगर आप लोगों की आवाज बन गये हैं, तो आप पत्रकार हैं.” इस साल के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के चार अन्य विजेताओं में म्यामां के ‘को स्वे विन’, थाइलैंड की ‘अंगखाना नीलापाइजित’, फिलीपीन के ‘रैयमुंडो पुजंते कायाबायऐब’ और दक्षिण कोरिया के ‘किम जोंग की’ शामिल हैं.1957 में शुरू हुए इस पुरस्कार को एशिया का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है.
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अबतक छह पत्रकारों को मिल चुका है रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
रवीश कुमार रेमन मैग्सेसे पुरस्कार पाने वाले छठे पत्रकार हैं. उनसे पहले यह पुरस्कार अमिताभ चौधरी (1961), बीजी वर्गीज (1975), अरुण शौरी (1982), आरके लक्ष्मण (1984) और पी. साईंनाथ (2007) को मिल चुका है. अमिताभ चौधरी पहले भारतीय पत्रकार थे जिन्हें यह पुरस्कार मिला था. उन्होंने बांग्ला के दैनिक समाचार पत्र ‘जुगांतर’ के सहायक संपादक पद से शुरुआत की थी. वे निष्ठापूर्वक नागरिक तथा समुदाय के हित में खोजी पत्रकार की भूमिका निभाते रहे थे. इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अन्य भारतीयों में महाश्वेता देवी, सत्यजीत रे, अरविंद केजरीवाल और किरन बेदी भी हैं.