नयी दिल्ली: बाजार और उपभोक्तावाद का जैसे-जैसे विकास हुआ कला भी पेशेवर हो गयी है. कॉरपोरेट विज्ञापन, पब्लिशिंग हाउस, सिनेमा, फैशन, विज्ञापन सबमें कला की मांग है. कला में पारंगत पेशेवरों की मांग बढ़ी है. इंटीरियर डिजाइनिंग, विज्ञापन फिल्म, स्कल्पचर (मूर्तिकला) फिल्मों, टीवी शो और टेलीविजन के लिये सेट डिजाइनिंग, बेव डिजाइनिगं, टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिये अब पेशेवरों की मांग बढ़ी है.
बारहवीं के बाद लें दाखिला
जब पेशेवरों की मांग बढ़ी है तो जाहिर है कि इससे संबंधित पाठ्यक्रमों की मांग भी बढ़ी होगी. इनमें विशेषज्ञता हासिल करने के लिये आर्ट की पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होगी. इसलिए, अगर आपमें क्रिएटीविटी है, कुछ अलग सोच सकते हैं और नये आइडिया के साथ काम करना जानते हैं तो फिर आप इस क्षेत्र में बेहतर करियर ऑप्शन तलाश सकते हैं. इसके लिए बैचलर इन फाइन आर्टस, मास्टर्स इन फाइन आर्टस, विजुअल आर्टस, डिजाइनिंग में डिग्री तथा डिप्लोमा जैसे कई कोर्स माैजूद हैं. किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं पास करने के बाद इस कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है.
कहां मिलेगा काम करने का मौका
इन कोर्स को करने के बाद आप मैगजीन, पब्लिशिंग हाउस, फैशन इंडस्ट्री, फिल्म, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, इंटीरियरन डिजाइनिंग जैसे कोर्स कर सकते हैं या फिर फ्रीलांस भी काम कर सकते हैं. अगर आप फ्रीलांस करना चाहते हैं तो आपको अपने काम के साथ-साथ उसके विज्ञापन पर भी ध्यान देना होगा ताकि लोगों को आपके काम की जानकारी मिल सके. और यदि आप किसी संस्थान के साथ जुड़कर काम करना चाहते हैं तो ये भी अच्छा ऑप्शन होगा. इस क्षेत्र में पेशेवरों को शुरुआत में न्यूनतम 25 हजार रुपये तक प्रतिमाह मिल जाते हैं.
संस्थान जहां से कर सकते हैं आर्ट की पढ़ाई
- विस्वा भारती कला शांति भवन
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- बनारस हिन्दू विश्वविद्याल.
- कॉलेज ऑफ आर्ट, दिल्ली
- सर जेजे स्कूल ऑफ आर्टस, मुंबई