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भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने की ”मन की बात के साथ दिल की बात”
नयी दिल्लीः संसद के मौजूदा सत्र के दौरान भाजपा संसदीय दल की पहली बैठक मंगलवार को हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग के जी.एम.सी बालयोगी सभागृह में हुई. बैठक में 380 सांसद मौजूद थे. पीएम मोदी ने सभी से मन की बात के साथ दिल की भी की. […]
नयी दिल्लीः संसद के मौजूदा सत्र के दौरान भाजपा संसदीय दल की पहली बैठक मंगलवार को हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग के जी.एम.सी बालयोगी सभागृह में हुई. बैठक में 380 सांसद मौजूद थे. पीएम मोदी ने सभी से मन की बात के साथ दिल की भी की. उन्होंने भाजपा सांसदों से संसद में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के साथ- साथ हर बूथ पर पांच पेड़ लगाने की ‘पंचवटी’ पहल के जरिये पार्टी को बूथ स्तर पर और मजबूत बनाने का आह्वान किया.
बैठक से पहले भाजपा सांसदों ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की प्रचंड जीत पर पीएम मोदी और अमित शाह का अभिनंदन किया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री छह जुलाई को वाराणसी से भाजपा की सदस्यता अभियान की शुरुआत करेंगे. प्रधानमंत्री ने बैठक में पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि सांसदों खासकर नये सांसदों के लिये सीखने का सबसे बड़ा मंच, संसद है. ऐसे में उन्हें सदन में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के साथ चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लेना चाहिए.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से बूथ तक पार्टी और सरकार के कार्यो का संदेश पहुंचाने को कहा. उन्होंने हर बूथ पर पार्टी के सदस्यता अभियान को आगे बढ़ाने के दौरान ‘पंचवटी’ पहल यानी हर बूथ पर पांच पेड़ लगाने की अपील की. भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि पार्टी सांसदों ने प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष का जीत पर अभिनंदन किया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों को संबोधित करते हुए मन की बात के साथ दिल की बात भी की.
बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों सदनों के करीब 380 भाजपा सांसदों को संबोधित किया. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित पार्टी के सांसद मौजूद थे.
कई दशकों बाद यह पहला मौका रहा जब भाजपा संसदीय दल की बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज जैसे नेता मौजूद नहीं थे. दरअसल, भाजपा के ये तीनों वरिष्ठ नेता, संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है, इसी के चलते संसदीय दल की बैठक में शामिल नहीं हुए. समझा जाता है कि प्रधानमंत्री ने बैठक में मौजूदा सत्र की अहमियत का जिक्र करने के अलावा दूसरे कार्यकाल के लिए मई में शपथ लेने के बाद पिछले एक महीने में उनकी सरकार के कार्यो का भी जिक्र किया.
केंद्र में दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद यह पहली बैठक है. इस बार पुराने सांसदों के साथ-साथ बहुत से सांसद नए हैं. ऐसे में समझा जाता है कि प्रधानमंत्री ने सांसदों को समय से सदन में मौजूद रहने और इसके अलावा अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के बीच जुड़े रहने का सुझाव भी दिया.
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