नयी दिल्ली : भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसमें उन्होंने कहा कि ये चुनाव पांच साल के हमारे परफॉर्मेंस के अधार पर है. हमारी नीतियां, हमारे किए हुए काम यही इस चुनाव में मुख्य विषय रहना चाहिए.
कांग्रेस पर हमला करते हुए गडकरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री किसी पार्टी के नहीं बल्कि देश के होते हैं. दुर्भाग्यवश प्रधानमंत्री के मान सम्मान की बजाय विपक्ष और खास तौर से कांग्रेस द्वारा की उन पर अभद्र टिप्पणियां की गयी. जिसमें राहुल जी को तो सुप्रीम कोर्ट में अपने ब्यान के बारे में जिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा वो सबको पता है.
उन्होंने कहा कि जो 1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय नहीं दे पाए वो क्या देश के गरीबों को न्याय देंगे. कांग्रेस ने पर्फोमेंस और कार्य चुनाव का मुद्दा न बने, इसके लिए विपक्ष दो बातों पर चुनाव को लेकर गये. पहला दलितों, माइनोरिटी, एससी-एसटी के मन में डर पैदा करना और दूसरा विकास के जो काम 50 साल में नहीं हुए और 5 साल में हुए, उस पर चर्चा न करके जानबूझकर गंदी-गंदी टिप्पणियां करना.
गडकरी ने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान अटल जी के नेतृत्व सभी विपक्षी दलों ने तब की प्रधानमंत्री इंदिरा जी का समर्थन किया था और कहा कि देश की सुरक्षा में हम साथ हैं. लेकिन इस बार सुरक्षा के विषयों का भी राजनीतिकरण किया गया. राजनीति में मतभिन्नता हो सकती है लेकिन मनभेद और दुष्प्रचार नहीं होना चाहिए.उन्होंने कहा कि1971 के युद्ध के दौरान अटल जी के नेतृत्व में सभी विपक्षी दलों ने तब की प्रधानमंत्री इंदिरा जी का समर्थन किया था और कहा कि देश की सुरक्षा में हम साथ हैं.
उन्होंने कहा कि इनकी पीढ़ियां गरीबी हटाओ की बात करती रही, लेकिन गरीबी हटी नहीं. अब राहुल जी भी वही बात कह रहे हैं, तो इनकी विश्वनियता कहां हैं? ये न्याय नहीं है, आज तक हुए अन्याय की बात है.इस चुनाव में पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस एंड डेवलपमेंट यही हमारे मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सबसे बड़ी पूंजी है. इसी के आधार पर हम जनता तक पहुंचे हैं और हमारी योजनाएं लोगों तक पहुंची हैं.