नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सोमनाथ भारती को राहत प्रदान करते हुए उनके खिलाफ घरेलू हिंसा के आरोप में दर्ज प्राथमिकी निरस्त कर दी. इस मामले में उनकी पत्नी लिपिका मित्रा ने अनापत्ति प्रकट की थी.
न्यायमूर्ति चंद्र शेखर ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि भारती और उनकी पत्नी लिपिका प्रसन्नता पूर्वक साथ रह रहे हैं. उन्होंने इसी तथ्य के आधार पर आपराधिक मामला निरस्त करने का भारती का अनुरोध स्वीकार कर लिया. अदालत ने यह भी पाया कि प्राथमिकी निरस्त करने को लेकर मित्रा को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है. भारती और उनकी पत्नी ने इससे पूर्व अदालत को बताया कि वैवाहिक संबंध से जुड़े विवादों का निपटारा मध्यस्थ के माध्यम से कर लिया गया है और वे अपने बच्चों के साथ शांतिपूर्वक रहना चाह रहे हैं. भारती की पत्नी ने दिल्ली महिला आयोग में दस जून, 2015 में दायर शिकायत और नौ सितंबर, 2015 को पुलिस में दर्ज करायी प्राथमिकी में अपने पति पर घरेलू हिंसा करने और उसकी हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया था. दिल्ली पुलिस ने पांच अप्रैल, 2016 को निचली अदालत में आरोप पत्र दायर किया था.
भारती, मालवीय नगर विधानसभा सीट से विधायक हैं और उन्हें इस मामले में आठ दिन जेल में रहने के बाद अक्तूबर, 2015 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. उन्होंने अपने पर लगे आरोपों से इनकार किया था. उच्चतम न्यायालय के समर्पण करने के आदेश के बाद उन्हें 29 सितंबर, 2015 को गिरफ्तार कर लिया गया था. निचली अदालत ने भारती को जमानत देते हुए कहा कि उनकी जांच में शामिल होने की और आवश्यकता नहीं है और वह दिल्ली विधानसभा के सदस्य हैं, इसलिए इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वह भाग जायेंगे.