बेंगलुरु : कर्नाटक के मंत्री जीटी देवगौड़ा ने सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं होने की बात को रेखांकित करते हुए बुधवार को कहा कि हो सकता है कि उनकी पार्टी जदएस के कार्यकर्ताओं ने मैसुरु तथा अन्य जगहों पर भाजपा के लिए वोट किया हो.
कांग्रेस और जदएस ने लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा है, लेकिन सीटों के बंटवारे का समझौता दोनों पार्टियों के सदस्यों में मतभेदों के बीच हुआ था. दोनों दल सरकार बनाने के लिए साथ आने से पहले एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी थे. देवगौड़ा ने मैसुरु में संवाददाताओं से कहा, दोनों पार्टियों के बीच कुछ मतभेद थे. उदाहरण के लिए उदबुर सीट. लोग वहां किसी पंचायत चुनाव की तरह लड़े. उन्होंने कहा, जो कांग्रेस में थे उन्होंने कांग्रेस के लिए वोट किया और जो जदएस में थे उन्होंने भाजपा के लिए वोट किया. अन्यत्र जगह भी इसी तरह की चीजें हुईं. देवगौड़ा ने कहा कि अगर दोनों पार्टियों ने अपनी ताकत मिला दी होती तो भाजपा के लिए कर्नाटक में पांच सीटें जीतना भी मुश्किल होता. साथ ही उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय एवं परिणामों के लिए गठबंधन को बहुत पहले ही औपचारिक रूप दे दिया जाना चाहिए था.
इस बयान पर कांग्रेस की तरफ से बहुत तीखी प्रतिक्रिया आयी है. प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा कि यह गठबंधन सरकार के लिए अच्छा नहीं है. राव ने अचंभा जताते हुए कहा, मैं यह नहीं समझ पा रहा कि उन्होंने (देवगौड़ा) चुनाव के दौरान कैसे काम किया होगा क्योंकि उन्होंने विरोधाभासी बयान दिये हैं. ऐसे बयान गठबंधन सरकार के लिए अच्छे नहीं हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ऐसी बातें तभी होती हैं जब जिन्हें जिम्मेदारी दी गयी, उन्होंने ईमानदारी से काम नहीं किया. अनुशासन की कमी लगती है.