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बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों में भाषण नहीं दे पायेंगे राजनेता, जानते हैं क्यों…?

इंदौर : 14 अप्रैल को भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती है, लेकिन इसे देश के राजनेता चुनावों में नहीं भुना पायेंगे. जानते हैं क्यों? नहीं, तो हम बता देते हैं आपको. दरअसल, बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती पर हर साल 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के इंदौर […]

इंदौर : 14 अप्रैल को भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती है, लेकिन इसे देश के राजनेता चुनावों में नहीं भुना पायेंगे. जानते हैं क्यों? नहीं, तो हम बता देते हैं आपको. दरअसल, बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती पर हर साल 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले स्थित उनकी जन्मस्थली महू में सियासी दलों के बड़े नेताओं की अगुवाई में अलग-अलग सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, लेकिन इस बार इसके नजदीकी कस्बे ही नहीं, बल्कि पूरे देश में 128वीं आंबेडकर जयंती के कार्यक्रम लोकसभा चुनावों पर प्रभावी आदर्श आचार संहिता के साये तले आयोजित होंगे. इस कारण देश के राजनेता कायदे-कानूनों में बंधे रहेंगे और वे चुनाव में इसका राजनीतिक लाभ नहीं उठा पायेंगे.

इसे भी देखें : बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर : आखिर अब कैसे राजनीतिक विमर्श के केंद्र में आये?

अतिरिक्त जिलाधिकारी दिनेश जैन ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि हमें प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से महू में आंबेडकर जयंती समारोह के आयोजन की मंजूरी मिल गयी है. वहां हर साल 14 अप्रैल को होने वाला सरकारी आयोजन इस बार कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी लोकेश कुमार जाटव की निगरानी में आयोजित किया जायेगा.

उन्होंने बताया कि महू में आंबेडकर जयंती पर जुटने वाले उनके हजारों अनुयायियों की सुविधा के लिए हरसंभव व्यवस्था की जायेगी, लेकिन इस मौके पर सियासी दलों पर चुनावी आदर्श आचार संहिता के तमाम प्रावधान लागू होंगे. प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, सूबे के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने जिला प्रशासन को महू में आंबेडकर जयंती समारोह की मंजूरी देते वक्त कुछ शर्तें लगायी हैं.

इन शर्तों में कहा गया है कि यह समारोह न तो किसी राजनीतिक व्यक्ति के नेतृत्व में आयोजित होगा, न ही मंच पर कोई राजनीतिक व्यक्ति मौजूद होगा. इस समारोह के दौरान किसी तरह का राजनीतिक भाषण नहीं दिया जायेगा. इसके साथ ही, समारोह के आयोजन को लेकर सरकारी स्तर पर कोई प्रेस विज्ञप्ति भी जारी नहीं की जायेगी.

सैन्य अफसर रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की संतान के रूप में भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू के काली पलटन इलाके में हुआ था. मध्यप्रदेश सरकार ने उनकी जन्मस्थली पर बनाये गये स्मारक को 14 अप्रैल, 2008 को उनकी 117वीं जयंती के मौके पर लोकार्पित किया था. प्रदेश सरकार इस स्मारक के पास हर साल आंबेडकर जयंती पर विशाल समारोह आयोजित करती है, जिसमें देश भर से उनके हजारों अनुयायी शामिल होते हैं.

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