-इंटरनेट डेस्क-
तापस पॉल का बयानतृणमूल कांग्रेस के एक सांसद तापस पॉल ने ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर कोई भी समझदार व्यक्ति उनका समर्थन नहीं कर सकता है. उन्होंने माकपा कार्यकर्ताओं को धमकी दी है कि अगर उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, तो उनकी हत्या कर दी जायेगी और उनकी पत्नियों के साथ बलात्कार किया जायेगा.
हालांकि तापस पॉल की पत्नी नंदिनी पॉल ने अपने पति के बयान पर माफी मांगी है, लेकिन उन्होंने एक और बात भी कही है कि उनके बयान का एक दूसरा पहलू भी है. तापस पॉल के बयान पर तृणमूल कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया आयी है, उसमें उन्हें चेतावनी दी गयी है कि उन्हें इस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए. मुकुल राय ने यह भी कहा है कि तापस पॉल अविलंब माफी मांगे. तापस पॉल के बयान की पूरे देश में निंदा हो रही है और इस बात की मांग की जा रही है कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये.
इससे पहले भी नेताओं ने की है विवादित टिप्पणी
16वीं लोकसभा के चुनाव के दौरान सहारनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद ने एक सभा में कहा था कि वे नरेंद्र मोदी की बोटी-बोटी कर देंगे. उस वक्त चुनाव का मौसम था और सहारनपुर के प्रत्याशी इमरान मसूद ही कांग्रेस की एकमात्र आस थे, इसलिए पार्टी ने उनका टिकट नहीं काटा, हालांकि इस मामले में इमरान मसूद को 14 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था.
बदला लेने के लिए महिलाओं को बनाया जाता है शिकार
अकसर यह देखा गया है कि जब भी किसी को बदले की कार्रवाई करनी होती है, तो वे अपने विरोधी पक्ष की महिलाओं को शिकार बनाते हैं, जिसका उस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं होता है. यह एक आम धारणा है. हमारे समाज में बलात्कार की कई घटनाओं का कारण महज बदला लेने की प्रवृत्ति रही है. पिता या भाई के अपराध की सजा महिलाओं को भुगतनी पड़ती है.
नेताओं और अभिनेताओं का समाज पर असर
हमारे देश में नेताओं और अभिनेताओं का समाज पर काफी असर होता है. अत: ऐसे व्यक्तियों द्वारा गैरजिम्मेदाराना बयान देना बहुत चिंताजनक है. चाहें परिस्थितियां कुछ भी रही हों, तापस पॉल को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे सार्वजनिक जीवन जीते हैं, ऐसे में उनका ऐसा बयान देना, अपराध का कारण भी बन सकता है. इसलिए तापस पॉल को अपने बयान पर बिना देरी माफी मांगनी चाहिए और इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की बयानबाजी फिर न करें, अन्यथा उन्हें राजनीति करने का कोई हक नहीं होना चाहिए.