नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर सुनवाई को जनवरी तक के लिए टाल दिया है. ऐसी संभावना भी है कि इस केस की सुनवाई नयी बेंच करेगी . कोर्ट ने इस मामले में तुरंत सुनवाई की दलील को अनसुना कर दिया. सरकार के वकील तुषार मेहता ने इस मामले में कोर्ट से अपील किया कि कोर्ट बताये कि इस मामले की जनवरी में कब से सुनवाई शुरू होगी. इसपर बेंच ने कहा कि यह सब फैसला नयी पीठ करेगी.
आज चीज जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जज की टीम मामले की सुनवाई करने वाली थी, जिसके मामले को जनवरी तक के लिए टाल दिया. गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में जो फैसला दिया था उसके खिलाफ हिंदू महासभा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इससे पहले मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर कर रहे थे.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में विवादित जमीन पर मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब से कुछ देर में सुनवाई होगी. मालिकाना हक का ये मामला देश की अदालतों में 1949 से ही चला आ रहा है.इतिहास के अनुसार 1528 ई में अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया, जिसके बारे में यह कहा जाता था कि यह भगवान राम का जन्म स्थान है.
विवाद उसी समय से है. 1859 में ब्रिटिश शासकों ने विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिंदुओं को प्रार्थना करने की अनुमति दे दी. 1949 में भगवान राम की मूर्तियां मस्जिद में पाई गईं. जिसके बाद विवाद शुरु हो गया और सरकार ने इस स्थल पर ताला लगवाया दिया. 1986 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में इस विवादित स्थल का ताला खुलवा दिया गया था.