नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी चयन प्रणाली की मांग करने वाली जनहित याचिका को मंगलवार को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दिया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की दलीलों पर विचार किया और कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का मुद्दा एक वृहद संविधान पीठ द्वारा सुना जाना चाहिए.
पीठ चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पारदर्शी चयन प्रक्रिया की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. यह याचिका अनूप बरनवाल नामक व्यक्ति ने दाखिल की है. हालांकि केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने का कोई भी मामला अब तक सामने नहीं आया है . उन्होंने इस पद का मान बढ़ाने वाले टी एन शेषन एवं अन्य व्यक्तियों के नाम का संदर्भ भी दिया.