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सबरीमला मंदिर मामला : 6 दिन में 10-50 साल की कोई महिला नहीं कर सकी दर्शन, रिव्यू पिटीशंस पर SC में सुनवाई आज
पम्बा (केरल) : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सबरीमला मंदिर में मासिक पूजा के अंतिम दिन भी 10 साल की बच्ची से लेकर 50 साल तक की कोई महिला प्रवेश नहीं कर सकी. मंदिर के पट छह दिन खुले रहने के बाद सोमवार की रात एक महीने के लिए बंद कर दिये गये. अंतिम […]
पम्बा (केरल) : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सबरीमला मंदिर में मासिक पूजा के अंतिम दिन भी 10 साल की बच्ची से लेकर 50 साल तक की कोई महिला प्रवेश नहीं कर सकी. मंदिर के पट छह दिन खुले रहने के बाद सोमवार की रात एक महीने के लिए बंद कर दिये गये. अंतिम दिन भी कई महिलाओं ने प्रवेश की कोशिश की, लेकिन भारी विरोध की वजह से उन्हें कामयाबी नहीं मिली.
प्रदर्शनकारियों ने 12 महिला श्रद्धालुओं को मंदिर तक जाने वाली पहाड़ियों पर चढ़ने से रोका और भगवान अयप्पा के दर्शन करने की उनकी मंशा पर पानी फेर दिया. इन महिलाओं की उम्र 40 के आसपास है. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने 50 से ऊपर आयु वर्ग की महिलाओं को पहाड़ी पर चढ़ने दिया.
पूजा-पाठ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो, इसके लिए पुलिस ने पुख्ता तैयारियां की थी. पूरे राज्य में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया. पूजा के अंतिम दिन केरल पुलिस के आइजी श्रीजीत ने शनिधाम में पूजा-अर्चना की. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोई महिला अगर मंदिर में प्रवेश चाहती है, तो पुलिस उसके लिए मुकम्मल बंदोबस्त करेगी.
रिव्यू पिटीशंस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दायर नयी रिव्यू पिटीशंस पर मंगलवार को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई व जस्टिस एसके कौल की पीठ ने कहा कि हम जानते हैं कि 19 रिव्यू पिटीशंस लंबित हैं. हम मंगलवार तक फैसला करेंगे. पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने 28 सितंबर को 4:1 के अनुपात से फैसला सुनाया था कि मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति मिले.
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