नागपुर : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने गुरुवार को कहा कि देश के लगभग हर गांव में मौजूद आरएसएस की शाखाएं बच्चों, खास तौर पर लड़कियों की हिफाजत के लिए सुरक्षा ढाल के रूप में काम कर सकती हैं.
सत्यार्थी ने कहा कि आज महिलाएं घर, कार्यस्थल, मुहल्ला और सार्वजनिक स्थानों पर डर और दहशत में हैं. यह भारत माता के प्रति गंभीर असम्मान है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के यहां स्थित मुख्यालय में सालाना विजयदशमी समारोहों में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किये गये सत्यार्थी ने कहा, आरएसएस के युवा हमारी मातृभूमि के वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए इस पथ की कमान संभाल सकते हैं. सत्यार्थी ने कहा कि देश के लगभग सभी गांवों में मौजूद संघ की शाखाएं इस पीढ़ी के बच्चों के संरक्षण के लिए यदि सुरक्षा ढाल के रूप में काम करें, तो आनेवाली सभी पीढ़ियां खुद की हिफाजत करने में खुद ही सक्षम होंगी.
उन्होंने अफसोस जताया कि जिन लोगों को बालिका गृह चलाने की जिम्मेदारी दी गयी है, वे उनका बलात्कार और हत्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाल कल्याण के संरक्षक ही बच्चों को बेच रहे हैं. लड़कियां छेड़छाड़ के डर से स्कूल जाना बंद कर रही हैं और हम अपनी आंखों के सामने यह सब होते चुपचाप देख रहे हैं.