अमरावती/भुवनेश्वर : बेहद प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘तितली’ गुरुवार को देश के पूर्वी तट से टकराया और इसने आंध्र प्रदेश में आठ लोगों की जान ले ली तथा राज्य के श्रीकाकुलम एवं विजयनगरम जिलों और पड़ोसी ओडिशा में बड़े पैमाने पर तबाही मचायी. हालांकि, ओड़िशा में किसी की जान जाने की खबर नहीं है, लेकिन यह राज्य के गजपति और गंजम जिलों में भारी तबाही के निशान छोड़ गया, जहां पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गये तथा झोंपड़ीनुमा घर नष्ट हो गये.
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भारतीय मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चक्रवात ‘तितली’ आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम जिले में पलासा के पास ओड़िशा में गोपालपुर के दक्षिण-पश्चिम तट पर सुबह साढ़े चार और साढ़े पांच बजे के बीच पहुंचा. चक्रवात के साथ 140-150 किलोमीटर से 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली. आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने बताया कि चक्रवात से सामान्य जनजीवन ठप हो गया. इसने श्रीकाकुलम और विजयनगरम में भारी तबाही मचाई जहां बुधवार देर रात से भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है. तूफान से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गयी.
समुद्र में गये छह मछुआरे समेत आठ की मौत
एसडीएमए ने बताया कि गुडिवाडा अग्रहारम गांव में 62 वर्षीय एक महिला के ऊपर पेड़ गिरने से उसकी मौत हो गयी तथा श्रीकाकुलम जिले के रोतनासा गांव में एक मकान गिरने से 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि समुद्र में गये छह मछुआरों की भी मौत हो गयी. वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया है कि पूर्वी गोदावरी जिले में काकीनाडा से पिछले कुछ दिनों में समुद्र में गयी मछली पकड़ने वाली 67 नौकाओं में से 65 सुरक्षित तट पर लौट आयीं.
तेज हवाओं ने उखाड़े 2000 से अधिक बिजली के खंभे
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया कि शेष दो नौकाओं को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास किये जा रहे हैं. श्रीकाकुलम जिले में सड़क नेटवर्क को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. बिजली वितरण नेटवर्क भी काफी प्रभावित हुआ है. तेज हवाएं चलने से 2,000 से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गये. पूर्वी बिजली वितरण कंपनी ने कहा कि श्रीकाकुलम जिले में 4,319 गांवों और छह शहरों में बिजली वितरण तंत्र प्रभावित हुआ. पेड़ों के उखड़ने से चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात भी बाधित हुआ.
आंध्र में कई ट्रेनें कैंसिल, कई के बदले गये रास्ते
इस तूफान से जिले में दूरसंचार नेटवर्क भी प्रभावित हुआ. पूर्वी तटीय रेलवे के साथ-साथ दक्षिण मध्य रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया, जबकि कुछ के मार्ग में परिवर्तन कर दिया. कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों का दूसरे क्षेत्रों से मार्ग परिवर्तन कर दिया गया. श्रीकाकुलम जिले में बागवानी वाली फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा तथा विजयनगरम में धान के खेतों को काफी नुकसान पहुंचा.
नारियल, केले और आम के पेड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान
एसडीएमए की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, नारियल, केले और आम के पेड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. कोताबोम्माली (24.82 सेमी.), संथाबोम्माली (24.42 सेमी.), इच्छापुरम (23.76 सेमी.) और तेक्काली (23.46 सेमी.) के बाद पलासा, वज्रापुकोत्तुरू, नंदीगाम इलाकों में 28.02 सेमी. बारिश दर्ज की गयी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि श्रीकाकुलम जिले के अन्य मंडलों में दो सेमी से 13.26 सेमी तक बारिश दर्ज की गयी.
ओड़िशा में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं
वहीं, ओड़िशा में भी चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने भारी तबाही मचायी, जिसके चलते काफी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गये. कुछ झोपड़ीनुमा घर क्षतिग्रस्त हो गये, लेकिन प्रदेश में कहीं से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि बेहद भीषण चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने ओड़िशा के गोपालपुर कस्बे और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में सुबह साढ़े चार से पांच बजे के बीच में दस्तक दी. अधिकारियों ने बताया कि तूफान बेहद भीषण था. इससे आठ जिले प्रभावित हुए, जिनमें गंजम, गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर शामिल हैं. ओड़िशा में चक्रवात के कारण गंजम, गजपति और पुरी जिलों में भारी से भारी वर्षा हुई.
मुख्यमंत्री पटनायक ने दी जरूरी सेवाएं जल्द बहाल करने के निर्देश
विशेष राहत आयुक्त बीपी सेठी ने कहा कि राज्य के किसी भी हिस्से से अभी तक किसी प्रकार के बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है. गंजम और गजपति जिलों में कुछ जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ने की रिपोर्ट मिली है. सेठी ने बताया कि तूफान के कारण बिजली और टेलीफोन के खंभों के उखड़ जाने के कारण बिजली आपूर्ति तथा टेलीफोन संपर्क बाधित हुआ है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने तथा प्रभावित इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास किये जा रहे हैं. ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे एक बार स्थिति में सुधार होने के बाद वे जरूरी सेवाओं की बहाली के काम में तेजी लायें.
ओड़िशा में पहले ही 3 लाख लोगों सुरक्षित स्थान पर भेजा गया
मुख्य सचिव एपी पाधी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की दो और टीमों को गजपति भेजे जाने का निर्देश दिया है, जहां सड़कों, बिजली और टेलीफोन लाइनों को भारी नुकसान पहुंचा है. मुख्य सचिव ने कहा कि हमें जितनी आशंका थी, उसके लिहाज से नुकसान कम हुआ है. पाधी ने बताया कि राज्य सरकार ने करीब तीन लाख लोगों को बुधवार को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था, ताकि प्राकृतिक आपदा के संबंध में जन हानि से बचा जा सके. इन लोगों को 1,112 राहत शिविरों में रखा गया है, जहां उन्हें भोजन और साफ सफाई सुविधाएं मौजूद हैं. सेठी ने बताया कि गंजम जिले में 105 और जगतसिंहपुर जिले में 18 गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में ले जाया गया.
बुधवार रात 10 बजे से बाधित है रेल सेवा
पूर्वी तटीय रेलवे सूत्रों ने बताया कि ओड़िशा में खुर्दा रोड और आंध्र प्रदेश के विजयनग्राम के बीच ट्रेन सेवा बुधवार को रात 10 बजे से ही बंद है. पूर्वी तटीय रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी जे पी मिश्रा ने कहा कि हमें गुरुवार शाम तक इन मार्गों पर ट्रेन सेवा बहाल होने की उम्मीद है. ओड़िशा के गोपालपुर में सतह पर हवा की रफ्तार 126 किमी प्रति घंटे थी, जबकि आंध्र प्रदेश के कलिंगपत्तनम में इसकी रफ्तार 56 किमी प्रति घंटे दर्ज की गयी.
ओड़िशा में सबसे अधिक 117 मिमी बारिश
चक्रवात के दस्तक देने के बाद तितली के प्रभावस्वरूप ओड़िशा के गंजम, गजपति और पुरी में तेज हवा के साथ अच्छी बारिश हो रही है. भुवनेश्वर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एचआर विश्वास ने कहा कि बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान (वीएससीएस) ‘तितली’ की निगरानी विशाखापत्तनम, गोपालपुर और पारादीप स्थित तटीय डॉप्लर मौसम रडार द्वारा की जा रही है. ओड़िशा के जल संसाधन सचिव पीके जेना ने बताया कि बालासोर में सबसे अधिक 117 मिमी और पारादीप में 111 मिमी बारिश दर्ज की गयी.