अमृतसर : ऑपरेशन ब्लूस्टार की 30वीं बरसी के मौके पर आज यहां स्वर्ण मंदिर परिसर के भीतर झडप हो गई जिसमें कम से कम 12 लोग घायल हो गए. अमृतसर पुलिस आयुक्त जतिंदर सिंह औलख ने ‘पीटीआई’ को बताया कि हालात उस समय बिगड गए जब शिअद (अमृतसर) प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कथित रुप से अकाल तख्त के मंच से जबरन संदेश देने की कोशिश की.
उन्होंने बताया कि मान को लोगों को संबोधित करने से रोका गया जिसके बाद शिअद :अमृतसर: कार्यकर्ताओं और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के कार्यबल के बीच झडप हो गई. हिंसा के दौरान तलवारों का इस्तेमाल किया गया जिसके कारण एसजीपीसी कार्यबल के पांच सदस्य घायल हो गए.
औलख ने बताया कि कार्य बल स्वर्ण मंदिर परिसर में सुरक्षा एवं अन्य मामले देखता है और वहां पुलिसकर्मियों को जाने की अनुमति नहीं है. उन्होंने बताया कि झडप के दौरान कोई गंभीर रुप से घायल नहीं हुआ और हालात अब नियंत्रण में हैं. अपुष्ट रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस दौरान कम से कम 12 लोग घायल हुए हैं जिनमें से दो की हालत गंभीर है.
ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी के मौके पर स्वर्ण मंदिर के नाम से लोकप्रिय हरमंदिर साहिब के अकाल तख्त में कार्यक्रम आयोजित किया गया था. सूत्रों ने बताया कि इस दौरान शिअद (अमृतसर) कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की. हालात उस समय बिगडे जब अकाल तख्त प्रमुख गुरबचन सिंह अकाल तख्त से सभा को संबोधित कर रहे थे और मान ने इस दौरान रकावट पैदा करने की कोशिश की. झडप के दौरान कई घबराए तीर्थयात्री सुरक्षा के लिए भागे.
इस बीच कट्टरपंथी संगठन दल खालसा द्वारा आहूत बंद के मद्देनजर अमृतसर में कई स्थानों पर दंगा विरोधी पुलिस के 1500 जवान तैनात किए गए हैं. ज्ञातव्य है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले सिख अतिवादियों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने के लिए छह जून 1984 को ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया गया था. इस अभियान के दौरान भिंडरावाले और उनके साथी मारे गए थे.